भारत के बिजली उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत योगदान कोयले का है.
नई दिल्ली:
देशभर के थर्मल पॉवर स्टेशनों में कोयले की कमी और व्यापक बिजली कटौती कीआशंकाओं के बीच केंद्र सरकार ने निर्बाध बिजली की जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त आपूर्ति का भरोसा दिलाया है. मामले पर मंगलवार की शाम प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी स्थिति की समीक्षा की और संबंधित पक्षों के साथ समाधान पर चर्चा की.
- कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने कहा कि कोल इंडिया के पास फिलहाल 22 दिनों का कोयला स्टॉक है और आपूर्ति बढ़ाई जा रही है. उन्होंने कहा, 'हम पूरे देश को आश्वस्त करना चाहते हैं कि जरूरत के मुताबिक कोयला उपलब्ध कराया जाएगा.' जोशी ने कहा, "हम पूरे देश को आश्वासन देना चाहते हैं कि जरूरत के मुताबिक कोयला उपलब्ध कराया जाएगा और हमें उम्मीद है कि मॉनसून खत्म होने के बाद अब कोयले की सप्लाई में तेजी से सुधार होगा. 21 अक्टूबर के बाद हम 2 मिलियन टन तक कोयले की सप्लाई करने की कोशिश करेंगे".
- सूत्रों का कहना है कि पीएम मोदी व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर सकते हैं. कोयले की आपूर्ति और बिजली क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए अधिक से अधिक सार्वजनिक-निजी भागीदारी सहित दीर्घकालिक समाधान की दिशा में कुछ निर्णय भी ले सकते हैं.
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार, थर्मल पावर स्टेशनों में कोयले के भंडार की स्थिति से पता चलता है कि केंद्रीय निगरानी वाले देश के 135 बिजली स्टेशनों में से 115 कोयले की "गंभीर या सुपर क्रिटिकल" कमी का सामना कर रहे हैं. देश के 70 बिजली संयंत्रों में चार दिन से भी कम का कोयला बचा है, जबकि 26 पावर प्लांट्स के पास 7 दिन से भी कम का स्टॉक बचा है.
- सरकार ने बिजली उत्पादकों को बढ़ी हुई बिजली की मांग को पूरा करने के लिए घरेलू ग्रेड के साथ कोयले के आयात में तेजी लाने की अनुमति दे दी है. यह एक ऐसा कदम है जो पहले से ही उच्च वैश्विक कीमतों को और बढ़ा सकता है. अब तक, स्थानीय कोयले का उपयोग करने वाले बिजली संयंत्र बहुत कम कोयला आयात करते थे. सरकार के नोट में कहा गया है कि बिजली की खपत में वृद्धि के साथ, सरकार द्वारा संचालित कोल इंडिया से पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पा रही है, इसलिए कोयला आयात पर सरकार की नीति में बदलाव आया है.
- इससे पहले मंगलवार को, बिजली मंत्रालय ने राज्यों को चेतावनी दी थी कि अगर बढ़ती कीमतों का फायदा उठाने के लिए बिजली वितरण कंपनियां एक्सचेंज पर बिजली बेचती पाई गईं तो बिजली उत्पादक उन्हें बिजली की आपूर्ति में कटौती करेंगे.
- केंद्रीय मंत्रालय ने एक बयान में कहा, कुछ राज्य, अपने उपभोक्ताओं को बिजली की आपूर्ति करने के बजाय, लोड-शेडिंग के रूप में बिजली की कटौती कर रहे हैं, और ऊर्जा एक्सचेंजों को उच्च कीमतों पर बिजली बेच रहे हैं. ऐसा करने वाले राज्यों ने संघीय आपूर्ति को जोखिम में डाल दिया, जिसे असंबद्ध बिजली कटौती के रूप में जाना जाता है.
- मंत्रालय ने कहा, अगर राज्य अपने ग्राहकों की सेवा नहीं कर रहे हैं, लेकिन "बिजली एक्सचेंजों में उच्च दर पर बिजली बेच रहे हैं, तो ऐसे राज्यों की असंबद्ध बिजली वापस ले ली जाएगी और उसे अन्य जरूरतमंद राज्यों को आवंटित कर दी जाएगी."
- सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोयला और बिजली मंत्रालय के प्रभारी मंत्री प्रहलाद जोशी और आरके सिंह से मुलाकात की थी. सप्ताहांत में बिजली कटौती के बाद कई राज्यों ने चिंता व्यक्त की थी. जिन राज्यों ने कोयला संकट पर चिंता जताई है उनमें दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, राजस्थान, आंध्र प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु शामिल है.
- भारत के बिजली उत्पादन में लगभग 70 प्रतिशत योगदान कोयले का है और इसका लगभग तीन-चौथाई घरेलू स्तर पर खनन किया जाता है. इस वर्ष रिकॉर्ड कोयला उत्पादन संकट और कोयला खदानों से बिजली उत्पादन इकाइयों तक उसकी आपूर्ति के लिए बारिश को एक प्रमुख वजह माना गया है.
- यह संकट तब और बढ़ गया, जब आयातित कोयले का उपयोग करने वाले बिजली संयंत्रों ने या तो अपना उत्पादन कम कर दिया या अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा कीमतों में उछाल के कारण बिजली पैदा करना पूरी तरह से बंद कर दिया.