नई दिल्ली:
जलवायु परिवर्तन पर सोमवार से पेरिस में शुरू हो रहे अहम सम्मेलन से पहले अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत को धमकाया नहीं जा सकता है। जावड़ेकर ने एनडीटीवी से कहा हम प्रगतिशील और सक्रिय रवैये के साथ उम्मीद लेकर पेरिस जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम विरोध नहीं करेंगे, बल्कि संतुलित विकास और पर्यावरण के लिए वास्तविक परिवर्तनों की जरूरतों पर बल देंगे।
जॉन कैरी ने एक अंतरराष्ट्रीय अखबार को दिए इंटरव्यू में वार्ता में चीन की भूमिका की सराहना की थी, वहीं उन्होंने भारत के संदर्भ में चिंता जताई थी। कैरी ने कहा था कि आगामी पेरिस जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली 'चुनौती' होगा। कैरी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने कहा था कि यह बयान जानबूझकर दिया गया है और विकासशील देशों को बांटने का प्रयत्न है।
जावड़ेकर ने पहले भी टिप्पणी पर प्रहार करते हुए कहा था कि यह अवांछित है और स्पष्ट किया कि किसी के दबाव में आने की आदत नहीं है। जावड़ेकर ने कहा, पेरिस एक मील का पत्थर होगा और हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि एक न्यायोचित समझौता होगा, क्योंकि भारत ने न सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा में बल्कि स्वच्छ पर्यावरण, स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु और अधिक हरियाली लाने में भी सकारात्मक कदम उठाया है।
उन्होंने कहा, दुनिया ने हमारे आईएनडीसी (लक्षित राष्ट्रीय प्रतिबद्ध योगदान) की सराहना की है। इसलिए, मैं आशा करता हूं कि दुनिया भारत को विकास की गुंजाइश देने की जरूरत को समझेगी।
जॉन कैरी ने एक अंतरराष्ट्रीय अखबार को दिए इंटरव्यू में वार्ता में चीन की भूमिका की सराहना की थी, वहीं उन्होंने भारत के संदर्भ में चिंता जताई थी। कैरी ने कहा था कि आगामी पेरिस जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली 'चुनौती' होगा। कैरी के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए भारत ने कहा था कि यह बयान जानबूझकर दिया गया है और विकासशील देशों को बांटने का प्रयत्न है।
जावड़ेकर ने पहले भी टिप्पणी पर प्रहार करते हुए कहा था कि यह अवांछित है और स्पष्ट किया कि किसी के दबाव में आने की आदत नहीं है। जावड़ेकर ने कहा, पेरिस एक मील का पत्थर होगा और हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि एक न्यायोचित समझौता होगा, क्योंकि भारत ने न सिर्फ नवीकरणीय ऊर्जा में बल्कि स्वच्छ पर्यावरण, स्वच्छ ऊर्जा, स्वच्छ जल, स्वच्छ वायु और अधिक हरियाली लाने में भी सकारात्मक कदम उठाया है।
उन्होंने कहा, दुनिया ने हमारे आईएनडीसी (लक्षित राष्ट्रीय प्रतिबद्ध योगदान) की सराहना की है। इसलिए, मैं आशा करता हूं कि दुनिया भारत को विकास की गुंजाइश देने की जरूरत को समझेगी।
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