भारत ने पाकिस्तान से कहा है कि वह वाघा पर पिछले पांच महीने से पड़े समझौता एक्सप्रेस ट्रेन के डिब्बों को लौटाए. जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान निरस्त होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बाद समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा रद्द कर दी गयी थी. रेलवे अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद से इस संबंध में अनुरोध किया है. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने समाचार एजेंसी से कहा, "हमारे (रेलवे) अनुरोध पर विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के अधिकारियों से कहा है कि जितना जल्दी हो सके वह ट्रेन के हमारे डिब्बे लौटाए."
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ट्रेन के डिब्बों को अंतिम बार 8 अगस्त 2019 को इस्तेमाल किया गया था जब पाकिस्तान ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वाघा सीमा पर समझौता एक्सप्रेस ट्रेन रोक दी थी, जिसके कारण 117 यात्री फंस गए थे. ट्रेन को अपराह्न 12.30 पर अटारी पहुंचना था लेकिन वह शाम 5.15 बजे पहुंची जब भारतीय रेल ने ट्रेन और अपने यात्रियों को वाघा सीमा से अटारी लाने के लिए अपना इंजन, चालक दल के सदस्यों और सुरक्षाकर्मियों को भेजा था. गौरतलब है कि समझौता एक्सप्रेस ट्रेन चलाने के लिए दोनों देश छह महीने के अंतराल पर एक दूसरे के रेल के डिब्बों का इस्तेमाल करते हैं.
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पाकिस्तान के डिब्बे जनवरी से जून तक प्रयोग होते हैं और भारतीय रेल के डिब्बे जुलाई से दिसंबर तक इस्तेमाल किए जाते हैं. सामान्यतः ट्रेन के डिब्बे उसी दिन या एक रात के बाद लौटा दिए जाते हैं. ऐसा पहली बार हुआ है कि भारत के डिब्बे पाकिस्तान में पांच महीने से फंसे हुए हैं. शिमला समझौते के बाद जुलाई 1976 में समझौता एक्सप्रेस ट्रेन सेवा की शुरुआत हुई थी.
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