प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi first US State Visit) के यूएस स्टेट विजिट का आज दूसरा दिन है. व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) और पीएम मोदी के बीच मीटिंग के दौरान संयुक्त स्पेस मिशन पर सहमति बनी है. सूत्रों के मुताबिक, अमेरिका और भारत के बीच गुरुवार को आर्टेमिस समझौता (Artemis Missions Program) हुआ. इस समझौते के तहत दोनों भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (Indian Space Research Organisation) और अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा (National Aeronautics and Space Administration) 2024 में ज्वॉइंट एस्ट्रोनॉट मिशन करेंगे.
आर्टेमिस समझौता नियमों का एक समूह है, जिसका पालन देश स्पेस की खोज और उसका उपयोग करते समय करते हैं. ये नियम एक पुरानी संधि पर आधारित हैं जिसे बाह्य अंतरिक्ष संधि 1967 (OST) कहा जाता है. यह एक रोडमैप की तरह है जो देशों को स्पेस प्रोजेक्ट में एक साथ काम करने में मदद करता है.
अमेरिका आर्टेमिस समझौते का नेतृत्व कर रहा है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा 2025 तक लोगों को चंद्रमा पर फिर से जाने में मदद करना चाहते हैं. यह भविष्य में मंगल ग्रह जैसे स्पेस में अन्य स्थानों का पता लगाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. नासा की वेबसाइट के मुताबिक, अब तक 25 देशों ने आर्टेमिस अकॉर्ड्स पर साइन किए हैं. भारत इस समझौते पर साइन करने वाला 26वां देश हो सकता है.
बता दें कि इसरो और नासा ने अब तक 1.5 अरब डॉलर की लागत वाले निसार (NISAR) सैटलाइट प्रॉजेक्ट पर साथ काम किया है. निसार दुनिया का सबसे महंगा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटलाइट प्रोग्राम है. ये अगले साल लॉन्च होने के बाद पृथ्वी के बदलते पारिस्थितिक तंत्र, डाइनैमिक सर्पेज और बर्फ के पहाड़ पिघलने पर नजर रखेगा. वहीं, नासा ने भारत के चंद्रयान 1 से अपना उपकरण चंद्रमा पर भेजा थे, जिसने पहली बार चांद पर पानी का सबूत ढूंढा था.
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