प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अमेरिका दौरा कई मायनों में खास है. कई क्षेत्रों के दिग्गजों की नजरें पीएम मोदी के इस दौरे पर टिकी हुई हैं. इस दौरान भारत और अमेरिका के संयुक्त रूप से देश में लड़ाकू जेट इंजनों के निर्माण पर सहमत होने की उम्मीद है. चीन की बढ़ती मुखरता के सामने दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सैन्य सहयोग का संकेत है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, जिन्होंने अपनी पहचान नहीं बताने को कहा क्योंकि विवरण गोपनीय हैं, यह सौदा फिनिश लाइन के करीब है. लोगों ने कहा कि व्हाइट हाउस से मैसाचुसेट्स स्थित एयरोस्पेस मैन्युफैक्चरिंग दिग्गज जनरल इलेक्ट्रिक कंपनी के प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद है, ताकि तेजस लाइट-कॉम्बैट एयरक्राफ्ट के लिए राज्य के स्वामित्व वाली हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के साथ इंजन का उत्पादन किया जा सके.
जनरल इलेक्ट्रिक और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के बीच भारत में जेट इंजनों के विनिर्माण के लिए प्रस्तावित सौदे से अमेरिकी और भारत के रक्षा उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा. उम्मीद की जा रही है कि दोनों कंपनियां 22 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा के दौरान इस सौदे की घोषणा करेंगी. दोनों पक्ष इस बारे में चुप्पी साधे हुए हैं. उद्योग के विशेषज्ञों को उम्मीद है कि लंबे समय से प्रतीक्षित सौदे का दोनों देशों के बीच संबंधों पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा.
अमेरिका भारत कारोबारी परिषद (यूएसआईबीसी) के अध्यक्ष अतुल केशप ने बताया, ''दोनों सरकारें इस सौदे को पूरा करने के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं. मैं उनकी सफलता की कामना करता हूं. मुझे उम्मीद है कि यह आगे बढ़ेगा. मुझे लगता है कि इसका अमेरिका और भारत के रक्षा उद्योगों तथा सबसे महत्वपूर्ण रूप से निजी क्षेत्र की कंपनियों पर प्रभाव पड़ेगा.' उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों देशों के बीच इस तरह का समझौता काफी महत्वपूर्ण होगा.
प्रधानमंत्री मोदी 21 जून से शुरू होने वाली अपनी चार दिवसीय अमेरिकी यात्रा के दौरान निवेश, शिक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर चर्चा करेंगे.
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