भारत और ऑस्ट्रेलिया कानून आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के पक्षधर- जयशंकर

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत बेहद सार्थक व सहज रही. वोंग ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक व रणनीतिक दोनों रूप से एक ‘‘नया आकार’’ दिया जा रहा है.

भारत और ऑस्ट्रेलिया कानून आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के पक्षधर- जयशंकर

जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी यात्रा है. इससे पहले वह फरवरी 2022 में ऑस्ट्रेलिया आए थे.

भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने सोमवार को कहा कि उदार लोकतंत्र के तौर पर भारत और ऑस्ट्रेलिया कानून आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय समुद्र क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता, सभी के लिए विकास व सुरक्षा को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं. जयशंकर ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती आक्रामकता के बीच यह बयान दिया.

ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में जयशंकर ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत बेहद सार्थक व सहज रही. वोंग ने कहा कि भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों का मानना है कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र को आर्थिक व रणनीतिक दोनों रूप से एक ‘‘नया आकार'' दिया जा रहा है. जयशंकर ने कहा कि उन्होंने और वोंग ने कई मुद्दों पर चर्चा की.

उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे विचार से, इसका आधार यह है कि उदार लोकतंत्र के तौर पर हम दोनों कानून आधारित एक अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, अंतरराष्ट्रीय समुद्र क्षेत्र में नौवहन की स्वतंत्रता, आपसी संपर्क बढ़ाने, सभी के लिए विकास व सुरक्षा को बढ़ावा देने में विश्वास रखते हैं.''जयशंकर ने कहा कि दोनों पक्षों ने यह सुनिश्चित करने पर बल दिया है कि विभिन्न देश उन मामलों में संप्रभु विकल्प का चुनाव करें, जो उनके लिए महत्वपूर्ण हैं.

वोंग ने जयशंकर के साथ 13वीं ‘विदेश मंत्रियों की रूपरेखा वार्ता' (एफएमएफडी) के बाद कहा ‘‘ऑस्ट्रेलिया और भारत समग्र रणनीतिक भागीदार हैं. हम क्वाड के भागीदार हैं. और भी कई रास्तों में हम भागीदार हैं और सबसे अहम बात यह है कि हम हिंद - प्रशांत क्षेत्र को साझा करते हैं.''

‘क्वाड' एक चार पक्षीय सुरक्षा वार्ता है, जिसमें भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया शामिल हैं. भारत, अमेरिका और कई विश्व ताकतें इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य मौजूदगी के बीच एक स्वतंत्र, मुक्त व संपन्न हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करने के लिए काम कर रही हैं.

चीन लगभग पूरे विवादित दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, हालांकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रुनेई, मलेशिया और वियतनाम भी इसके कुछ हिस्सों पर अपना दावा करते हैं. चीन ने दक्षिण चीन सागर में कृत्रिम द्वीप और सैन्य प्रतिष्ठान भी स्थापित किए हैं.

वोंग ने कहा, ‘‘ हम दोनों का मानना है कि हमारा क्षेत्र आर्थिक व रणनीतिक रूप से एक नया आकार ले रहा है. मुझे लगता है कि भारत के साथ हमारी साझेदारी इस बात को दर्शाती है कि हम जानते हैं कि बदलाव के इस दौर का सबसे अच्छे तरीके से सामना मिलकर ही किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, ‘‘ हम भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी के साथ-साथ दूसरों के साथ काम करके ही इस क्षेत्र का वैसा निर्माण कर सकते हैं, जैसा हम चाहते हैं। इस क्षेत्र को जो आकार हम देना चाहते हैं, उसमें यह साझेदारी महत्वपूर्ण है.''

जयशंकर ने ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच बढ़ रहा रक्षा व सुरक्षा सहयोग शांतिपूर्ण, समृद्ध और नियम-आधारित हिंद-प्रशांत क्षेत्र सुनिश्चित करता है. जयशंकर ने ट्वीट किया, 'ऑस्ट्रेलिया के उप-प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस से मिलकर खुशी हुई. हमने क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर विचार-विमर्श किया.''

न्यूजीलैंड की अपनी पहली यात्रा संपन्न कर कैनबरा पहुंचे जयशंकर ने इससे पहले एक तस्वीर साझा करते हुए ट्वीट किया था, ‘‘ कैनबरा में तिरंगे के साथ स्वागत। ऑस्ट्रेलिया के पुराने संसद भवन को देश के रंग में रंगा देख बेहद खुश हूं.''

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यह जयशंकर की ऑस्ट्रेलिया की दूसरी यात्रा है. इससे पहले वह फरवरी 2022 में ऑस्ट्रेलिया आए थे.
 



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)