देश के कई शहरों में आयकर विभाग की छापे (Income Tax raids) की कार्रवाई चल रही है. आयकर विभाग की ओर से पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPP) के खिलाफ कर चोरी के मामलों में कई राज्यों में छापेमारी की गई है. छोटे राजनीतिक दलों से जुड़े एंट्री ऑपरेटरों पर आयकर विभाग ने छापे मारे हैं. यह वे लोग हैं जो कि डोनेशन लेते हैं और नकद वापस करते हैं. चुनाव आयोग की एक रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की जा रही है. देश में 50 से अधिक जगहों पर छापेमारी चल रही है.
इसी साल जून में निर्वाचन आयोग ने 111 ऐसी पार्टियों को रजिस्टर से हटाने का आदेश दिया था जो पंजीकृत तो थीं लेकिन अस्तित्व में नहीं थीं. उनके पते फर्ज़ी निकले. उनके पतों पर भेजी गई डाक वापस आ गई. ये पार्टियां अवैध तरीके से डोनेशन ले रही थीं और उसमें गड़बड़ी कर रही थीं. ऐसी पार्टियों की वित्तीय जांच करने के लिए कहा गया था. आईटी विभाग ऐसी पार्टियों के एंट्री ऑपरेटरों पर छापेमारी कर रहा है.
आयकर विभाग राजनीतिक दलों को कथित रूप से चंदा देने वाले एंट्री ऑपरेटरों के परिसरों की तलाशी ले रहा है. गाजियाबाद, लखनऊ, गुरुग्राम और गुजरात में छापेमारी चल रही है. जांच के दायरे में वे कॉरपोरेट हैं जो एंट्री ऑपरेटरों के जरिए चंदा देते हैं.
आयकर विभाग ने गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों और उनकी कथित संदिग्ध ‘फंडिंग' के खिलाफ कर चोरी की जांच के तहत कई राज्यों में छापेमारी की. सूत्रों ने बताया कि आयकर विभाग ने आरयूपीपी, उनसे जुड़ी संस्थाओं, संचालकों और अन्य के खिलाफ एक साथ कार्रवाई शुरू की है.
ऐसे पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल जो नियमों और चुनाव संबंधी कानूनों का उल्लंघन कर रहे हैं, के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. इन पर कोष संबंधी जानकारी न देने, आर्थिक योगदान देने वालों के पते और पदाधिकारियों के नाम जारी नहीं करने के आरोप हैं. कुछ दलों में गंभीर वित्तीय गड़बड़ी पाई गई हैं.
बेंगलुरु के मनिपाल ग्रुप पर भी इनकम टैक्स ने छापा मारा है. 20 से ज्यादा स्थानों पर तलाशी जारी है. ग्रुप पर टैक्स चोरी का आरोप है.
मुंबई में फर्जी आयकर छापेमारी करने वाले गिरोह को पुलिस ने गिरफ्तार किया
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