रोहतास में एक बार फिर मानवता शर्मसार हुई है. जहां एम्बुलेंस नहीं मिलने के कारण परिजन शव को बाइक पर ही घर लेकर गए.बताया जाता है कि 70 वर्षीय एक वृद्ध की अचानक तबीयत बिगड़ गई. परिजनों ने उन्हें आनन-फानन में सदर अस्पताल लाया. लेकिन अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के गेट पर पहुंचते-पहुंचते वृद्ध ने दम तोड़ दिया. इस बाइक पर परिजन बीमार वृद्ध को बीच में बैठा कर लाए थे, फिर उसी बाइक पर रखकर शव को लेकर चले गए.वृद्ध की मौत किस बीमारी से हुई यह पता नहीं चल सका है. क्योंकि इलाज से पहले ही वृद्ध ने दम तोड़ दिया. लेकिन जिस तरह से एक मृत व्यक्ति को बाइक पर ले जाया गया, यह सिस्टम पर कई सवाल खड़े करता है. बिहार सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर बड़े-बड़े दावे करती है लेकिन उन दावों की जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.
उधर, बिहार में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, खासकर राजधानी पटना की हालत बेहद खराब है. राजधानी पटना स्थित एम्स सहित छह प्रमुख अस्पतालों के 750 से अधिक चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित हो चुके हैं. पटना एम्स के अधीक्षक डाक्टर चंद्रमणि सिंह ने बताया कि कोरोना की इस दूसरी लहर में उनके अस्पताल में अब तक 384 चिकित्सक, नर्स और अन्य कर्मचारी संक्रमित हो चुके हैं और वर्तमान में 220 चिकित्सक, नर्स और अन्य कर्मचारी संक्रमित हैं.
पटना मेडिकल कालेज अस्पताल के 125 चिकित्सक, नर्स और अन्य कर्मचारी कोरोना की इस दूसरी लहर में अबतक संक्रमित हो चुके हैं . पीएमसीएच के अधीक्षक इंदू शेखर ठाकुर ने बताया कि उनके अस्पताल के संक्रमित चिकित्सक, नर्स और अन्य कर्मचारियों के लिए अलग से बेड की व्यवस्था की गई है.
बिहार में कोरोना के कारण 22 अप्रैल को 59 लोगों की मौत हुई थी. वहीं 11489 नए मामले सामने आने से संक्रमितों की संख्या बढकर 365770 हो गई थी. जिन 59 मरीजों की मौत हुई उनमें पटना में नौ, भागलपुर में आठ, गया में पांच, दरभंगा एवं मुजफ्फरपुर में चार-चार, बांका, मुंगेर, नवादा एवं वैशाली में तीन-तीन, गोपालगंज, जहानाबाद, मधेपुरा, नालंदा, पश्चिम चंपारण, समस्तीपुर एवं सारण में दो-दो तथा भोजपुर, सीतामढ़ी एवं सिवान में एक-एक मरीज शामिल है. मरने वालों की संख्या गुरुवार को बढ़कर 1956 हो गई है.
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