कोरोनावायरस की वजह से संकट में पड़े फाइनेंशियल मार्केट को एक और झटका लगा है. यह झटका अमेरिकी कंपनी फ्रैंकलिन टेंपलटन ने दिया. बताया जा रहा है कि कंपनी अपनी छह डेट स्कीम को रोकने का फैसला लिया है. कंपनी का कहना है कि भारत में अभी लिक्विडिटी यानी नगदी की बहुत गहरी समस्या है. हाल में ये बॉन्ड बहुत बड़ी तादाद में इन्कैश कराए गए है. अभी कोई ये बॉन्ड स्कीम ले भी नहीं रहे हैं. जिस कारण से निवेशकों के क़रीब 30,000 करोड़ रुपये फंसने का अंदेशा पैदा हो गया है.जानकारों को ये भी डर है कि इसका असर दूसरे म्यूचुअल बॉन्ड्स और निवेशकों के मनोबल पर पड़ सकता है.
हालांकि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया ने बाक़ायदा बयान जारी कर इसे एक इकलौती घटना बताया है. उसका कहना है, भारत के ज़्यादातर म्युूचुअल बॉन्ड बेहद सुरक्षित हैं. उसका कहना है इससे निवेशक प्रभावित न हों अपने वित्तीय विशेषज्ञों की मदद लें अपने निवेश लक्ष्यों को प्रभावित न होने दें.एसोसिएशन निवेशकों के हित को लेकर बहुत प्रतिबद्ध है. फिर भी फ्रेंक्लिन टेम्पलटन के Debt funds को बंद करने के फैसले को देश में कॉर्पोरेट Debt मार्केट के लिए एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है.
VIDEO: केंद्र सरकार ने जुलाई 2021 तक महंगाई भत्ता नहीं बढ़ाने का लिया फैसला
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं