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This Article is From Jan 01, 2014

कोलकाता : दो बार गैंगरेप की शिकार पीड़िता के अंतिम संस्कार को लेकर सियासी घमासान

कोलकाता:

सामूहिक बलात्कार पीड़िता (16) की शहर के अस्पताल में हुई मौत के बाद वाम दल और कोलकाता पुलिस उसका अंतिम संस्कार करने के मुद्दे को लेकर उलझ गए। खुद को आग लगाकर आत्महत्या का प्रयास करने वाली इस पीड़िता ने शहर के एक अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

25 अक्तूबर को दो बार गैंगरेप का शिकार हुई पीड़िता ने जल जाने के कारण मंगलवार को सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया। पीड़िता ने बीते 23 दिसंबर को खुद को आग लगा ली थी।

लड़की के पिता एक टैक्सी चालक हैं और सीटू के काफी करीबी हैं। उन्होंने आज कहा, कि ट्रेड यूनियन ने तय किया है कि शव को पीस हैवेन नामक शवग्रह में रखा जाएगा और शव के साथ दिन में शोक रैली निकाली जाएगी।

लड़की के पिता और सीटू के सूत्रों ने कहा कि जिस समय शव को कल देर रात शवगृह में ले जाया जा रहा था, तब पुलिस ने बिना परिवार की अनुमति के इसे जबरन अंतिम संस्कार के लिए ले लिया।

माकपा के राज्य सचिवालय के सदस्य राबिन देब ने बताया, पुलिस ने शव का अंतिम संस्कार करने के लिए इसे बलपूर्वक वापस ले लिया और नीमतला शवदाह गृह में उसके अंतिम संस्कार की कोशिश की। पुलिस ऐसा करने में विफल रही क्योंकि पीड़िता का मृत्यु प्रमाणपत्र उसके पिता के पास था। जैसे ही खबर फैली, हम भी तुरंत शवदाह केंद्र में पहुंच गए और हमने विरोध जताकर पुलिस को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया।

देब ने कहा, पुलिस ने यह तर्क दिया कि शव के साथ शोक रैली निकालने की अनुमति नहीं दी जा सकती, क्योंकि नए साल के जश्न के कारण पुलिसकर्मियों की कमी है। हालांकि पुलिस ने इन आरोपों से इनकार कर दिया है।

पुलिस मुख्यालय में संयुक्त आयुक्त राजीव मिश्रा ने बताया, यह बिल्कुल झूठा आरोप है, जो भी किया गया, वह बिधाननगर की पुलिस और परिवार के सदस्यों से सलाह-मश्विरा करने के बाद किया गया। लड़की का घर बिधाननगर की पुलिस के ही अधिकार क्षेत्र में आता है। संपर्क किए जाने पर बिधाननगर के पुलिस उपायुक्त अर्नब घोष ने कहा, यह घटना कोलकाता पुलिस के अधिकारक्षेत्र में घटी इसलिए हम इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। शव को फिलहाल परिवार और सीटू के संरक्षण में रखा गया है और उन्होंने दोपहर में शहर में शोक रैली आयोजित करने का फैसला किया है।

अस्पताल के डॉक्टरों ने कहा कि लड़की को जब भर्ती कराया गया तब वह 80 फीसदी तक जल चुकी थी और उसके फेफड़े क्षतिग्रस्त हो चुके थे। उसकी मौत मंगलवार दोपहर 2 बजे के करीब हो गई थी। लड़की के साथ 25 अक्तूबर को शहर के उत्तरी हिस्से में स्थित मध्यमग्राम में दिन में दो बार सामूहिक बलात्कार किया गया था।

उसके साथ पहली बार बलात्कार उसके घर के पास हुआ था और वह वहीं पास में पड़ी मिली थी। इसके बाद जब वह अपने माता-पिता के साथ स्थानीय पुलिस चौकी में शिकायत दर्ज करवाकर लौट रही थी, तब उसी गिरोह ने इसे बलपूर्वक ले जाकर फिर से सामूहिक बलात्कार किया। बुरी तरह घायल यह लड़की उसी दिन मध्यमग्राम स्थित रेल की पटरी पर बेहोशी की हालत में पड़ी मिली।

इस क्रूर घटना के बाद पीड़िता के परिवार ने अपना घर बदल लिया है और वह मध्यमग्राम से दमदम में रहने चले गए हैं।

स्थानीय लोगों द्वारा आरोपी गिरोह के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करने के बाद छह लोगों को गिरफ्तार किया गया, लेकिन पीड़िता के परिवार ने आरोप लगाया कि गिरोह का मुखिया छोटू 23 दिसंबर को उनके दमदम स्थित आवास पर पहुंचा और उसने लड़की द्वारा शिकायत वापस न लेने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। लड़की ने इसी दिन आत्महत्या का प्रयास किया।

सीटू के अध्यक्ष और माकपा की केंद्रीय समिति के सदस्य श्यामलाल चक्रबर्ती ने कहा, क्या हम एक लोकतंत्र में रह रहे हैं? एक लड़की के साथ बलात्कार होता है, वह मर जाती है और पुलिस दोषियों को गिरफ्तार करने के बजाय शव का जबरन संस्कार करने की कोशिश करती है।

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