काबुल में भारतीय दूतावास में आईटीबीपी के जवानों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
नई दिल्ली:
अपने अफगानिस्तान दौरे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक और हैरान करने वाला काम किया। शायद यह पहली बार है कि कोई भारतीय प्रधानमंत्री दूतावास की सुरक्षा मे तैनात जवानों से मिला हो।
सन 2002 से यहां के दूतावास की सुरक्षा में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान तैनात हैं। काबुल के अलावा जलालाबाद, मजार ए शरीफ और हेरात के वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में आईटीबीपी के जवान लगे हैं। काबुल में दो बार, जलालाबाद, मजार ए शरीफ और हेरात में एक-एक बार आतंकियों का हमला हुआ। 2006 में दो और फिर 2009 में दो जवानों ने दूतावास की हिफाजत करते हुए अपनी जान दे दी। यहां करीब तीन सौ कमांडो तैनात हैं जो दिन-रात आतंकियों से भारतीयों की हिफाजत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब इनसे मिले तो बस इतना ही कहा " कीप इट अप " और बाद में इनके साथ एक तस्वीर भी खिंचवाई। यकीनन पीएम मोदी का यह कदम आईटीबीपी जवानों के जज्बे और हौसले को एक नई ऊर्जा देगा।
सन 2002 से यहां के दूतावास की सुरक्षा में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवान तैनात हैं। काबुल के अलावा जलालाबाद, मजार ए शरीफ और हेरात के वाणिज्य दूतावास की सुरक्षा में आईटीबीपी के जवान लगे हैं। काबुल में दो बार, जलालाबाद, मजार ए शरीफ और हेरात में एक-एक बार आतंकियों का हमला हुआ। 2006 में दो और फिर 2009 में दो जवानों ने दूतावास की हिफाजत करते हुए अपनी जान दे दी। यहां करीब तीन सौ कमांडो तैनात हैं जो दिन-रात आतंकियों से भारतीयों की हिफाजत करते हैं। प्रधानमंत्री मोदी जब इनसे मिले तो बस इतना ही कहा " कीप इट अप " और बाद में इनके साथ एक तस्वीर भी खिंचवाई। यकीनन पीएम मोदी का यह कदम आईटीबीपी जवानों के जज्बे और हौसले को एक नई ऊर्जा देगा।
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