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This Article is From Jan 29, 2021

मुख्य बातें : आर्थिक सर्वेक्षण 2021 पर प्रणय रॉय का विश्लेषण

Economic Survey of India : आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था वी शेप की रिकवरी ओर बढ़ रही है और 2021-22 में जीडीपी वृद्धि दर 11 फीसदी रहेगी. 

प्रणय रॉय और विशेषज्ञों के एक पैनल ने आर्थिक सर्वेक्षण का विश्लेषण किया

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण-2021 पेश किया, जो बजट के पहले देश की आर्थिक स्थिति को दर्शाता है. आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में कहा गया है कि वैक्सीनेशन के तेज कार्यक्रम के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था वी शेप रिकवरी या तेज उछाल के साथ वापसी की ओर बढ़ रही है. वित्त वर्ष 2021-22 में भारत की विकास दर 11 फीसदी रह सकती है. प्रणय रॉय और विशेषज्ञों के एक पैनल ने इस आर्थिक विश्लेषण का विश्लेषण किया और बताया कि किन नीतिगत निर्णयों को लेने की जरूरत है, ताकि अर्थव्यवस्था को दोबारा विकास की पटरी पर लाया जा सके. 

पेश हैं प्रणय रॉय के विश्लेषण की अहम बातें...

शेखर गुप्ता : यह सरकार कारोबार करने वालों पर पिछली सरकार से ज्यादा संदेह करती है. देश में कारोबार में आसानी की बातें बहुत हो रही हैं, लेकिन देश में एक कंपनी बनाना अभी भी चुनौतीपूर्ण है. 
दोराब सुपारीवाला :जैसे कि हमारे पास कोल इंडिया है, जिसका अभी तक निजीकरण नहीं हुआ है. हम अपना और अपनी अर्थव्यवस्था का गला घोंट रहे हैं.

ओंकार गोस्वामी : इस आर्थिक सर्वेक्षण का ज्यादातर डेटा वर्ल्ड बैंक से आया है, हालांकि कुछ मामलों में हमने सुधार किया है, बाकी में बेहद उदासीन हैं. लाइसेंस कंट्रोल में हमने बहुत सा वक्त बिताया. राज्यों के दखल के बिना आप बहुत सारी चीजें नहीं कर सकते. कारोबार स्थापित करने के लिए मंजूरी लेनी पड़ती है और भारत में बहुत सारे ऐसे लोग हैं, जो सोचते हैं कि मंजूरी देनी चाहिए या नहीं.

यामिनी अय्यर : हमें सिर्फ 10 प्रतिशत की विकास दर के बारे में ही नहीं बल्कि यह भी ध्यान देने की जरूरत है कि कैसे अर्थव्यवस्था को विकास के उस रास्ते पर ले जाया जाए, जहां सारे देश उसका हिस्सा हों.

शेखर गुप्ता : विकास दर बढ़ने के साथ गरीबी घटती है, लेकिन  आर्थिक विकास असमानता भी लाता है. जब संपत्ति बढ़ती है तो उसका पुनर्वितरण जरूरी है. डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर के जरिये 13 लाख करोड़ रुपये बांटे गए, यह तेल के गिरते दामों के दौरान एक्साइज टैक्स बढ़ाकर किया गया. मुझे लगता है कि सरकार राजनीति के स्तर पर अच्छी है, लेकिन अर्थव्यवस्था के मामले में खराब

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डॉ. प्रणय रॉय : सर्वे में वी शेप रिकवरी की बात है, यानी तेज गिरावट के बाद तेजी से उछाल. इसमें कहा गया है कि लॉकडाउन तेजी से लिया गया और प्रभावी फैसला था. यह आजीविका की जगह जीवन बचाने पर केंद्रित था.लेकिन इसमें प्रवासी मजदूरों के संकट का कोई जिक्र नहीं है.

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