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This Article is From Jul 28, 2021

भारत के विकास में कोरोना ने लगाया ब्रेक: GDP ग्रोथ का अनुमान घटाने पर IMF चीफ इकोनॉमिस्ट ने NDTV से कहा..

कोरोना महामारी से आहत देश के विकास की धीमी पड़ी रफ्तार के बीच IMF ने  वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के विकास अनुमान को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है.

भारत के विकास में कोरोना ने लगाया ब्रेक: GDP ग्रोथ का अनुमान घटाने पर IMF चीफ इकोनॉमिस्ट ने NDTV से कहा..
IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने की NDTV से खास बातचीत.
नई दिल्ली:

COVID-19 महामारी की दूसरी भयावह लहर के चलते भारत को गहरा धक्का लगा है. देश के विकास की रफ्तार धीमी पड़ गई है. IMF ने  वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत के विकास अनुमान को 12.5 प्रतिशत से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया है. GDP ग्रोथ का अनुमान घटाने के क्रम में IMF की चीफ इकोनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने NDTV से खास बातचीत की है. IMF के ताजा विश्व आर्थिक आउटलुक (डब्ल्यूईओ) के अनुसार चालू वित्त वर्ष के लिए भारत ने IMF द्वारा किए गए विकास अनुमानों में सबसे बड़ी गिरावट देखी है. यहां तक कि वैश्विक आर्थिक विकास दर 6 प्रतिशत पर बनी हुई है.

गीता गोपीनाथ से बातचीत के मुख्य अंश-

  • देश में अगर कोरोना की एक और लहर आती है तो GDP ग्रोथ का अनुमान और घट सकता है.
  • दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में दूसरी लहर वास्तव में विनाशकारी थी. महामारी की दूसरी लहर ने भारत को बुरी तरह प्रभावित किया है.
  • गीता गोपिनाथ ने कहा कि हम चेतावनी देते रहे हैं. एडवांस इकोनॉमी की करीब 40% आबादी को वैक्सीन लग चुकी है.
  • भारत सबसे बड़ी आबादी वाले देशों में से एक है, यहां पूरी तरह से वैक्सीनेशन 2 महीने में संभव नहीं है. मौजूदा टीकाकरण की रफ्तार के अनुसार साल के अंत तक 30% आबादी को ही टीका लग सकेगा.
  • समस्या यह है कि वैक्सीन की खुराक कहां जा रही है? हमने देखा है कि इसका अधिकांश हिस्सा उन्नत अर्थव्यवस्थाओं में जा रहा है, जिन्होंने अपनी 75 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण किया है. इसलिए, हमने Covax को 1 बिलियन दान करने का निर्णय लिया है, जिससे उचित वितरण होगा.
  • इस साल (विश्व स्तर पर) 5000 मिलियन खुराक शुरू करने के लिए एक अच्छी जगह है. 500 मिलियन डोज और मिलने की उम्मीद है. समस्या यह है कि देशों को नहीं पता है कि उन्हें खुराक कब मिलने वाली है. स्वास्थ्य देखभाल का बुनियादी ढांचा तैयार करना मुश्किल है. हम कमियों को जानने के लिए एक टास्क फोर्स बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
  • राजकोषीय समर्थन विभाजन का एक और कारण है. जब महामारी की दूसरी लहर आई तो भारत ने मुफ्त भोजन कार्यक्रम शुरू किया. अब भारत ने 75 प्रतिशत टीकाकरण की खरीद की है. लेकिन और अधिक किया जा सकता है, जैसे एमएसएमई आदि की मदद करना.
  • महामारी बहुत से लोगों के लिए कठिन साबित हुई है. हम करीब 30 मिलियन लोगों को देख रहे हैं, जो गरीबी में जी रहे हैं. इसलिए, सहायता प्रदान करने की आवश्यकता है.

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