प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली:
देश के सबसे प्रतिष्ठित प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 2020 तक एक लाख हो जाएगी. आईआईटी काउंसिल की बैठक में सीटें बढ़ाने का फैसला सिद्धांत रूप में कर लिया गया है.
मंगलवार को आईआईटी काउंसिल की बैठक में इस बात को हरी झंडी दे दी गई. अभी देश के सभी आईआईटी में कुल मिलाकर 72 हजार छात्र पढ़ रहे हैं. अब अगले साल से हर साल 10 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी. इसमें अंडर ग्रेजुएट कोर्स की चार हजार और पोस्ट ग्रेजुएट की छह हजार सीटें हर साल बढ़ेंगी.
नए आईआईटी के मुकाबले पुराने आईआईटी ज्यादा सीट बढ़ाएंगे, क्योंकि उनके पास अधिक संसाधन और क्षमता है. मंगलवार को आईआईआईटी काउंसिल की बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीट बढ़ाने के साथ साथ छात्र-टीचर अनुपात को ठीक करना भी जरूरी है.
अभी आईआईटी में 15 छात्रों पर एक फैकल्टी है. इस अनुपात को सुधार कर 10 पर 1 किया जाना है. जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिए फैकल्टी की भर्ती की जाएगी. छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए हॉस्टल में रहने की अनिवार्यता को खत्म किया जाएगा, ताकि अधिक छात्रों का दाखिला हो सके.
मंगलवार को आईआईटी काउंसिल की बैठक में इस बात को हरी झंडी दे दी गई. अभी देश के सभी आईआईटी में कुल मिलाकर 72 हजार छात्र पढ़ रहे हैं. अब अगले साल से हर साल 10 हजार सीटें बढ़ाई जाएंगी. इसमें अंडर ग्रेजुएट कोर्स की चार हजार और पोस्ट ग्रेजुएट की छह हजार सीटें हर साल बढ़ेंगी.
नए आईआईटी के मुकाबले पुराने आईआईटी ज्यादा सीट बढ़ाएंगे, क्योंकि उनके पास अधिक संसाधन और क्षमता है. मंगलवार को आईआईआईटी काउंसिल की बैठक के बाद मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सीट बढ़ाने के साथ साथ छात्र-टीचर अनुपात को ठीक करना भी जरूरी है.
अभी आईआईटी में 15 छात्रों पर एक फैकल्टी है. इस अनुपात को सुधार कर 10 पर 1 किया जाना है. जावड़ेकर ने कहा कि इसके लिए फैकल्टी की भर्ती की जाएगी. छात्रों की संख्या बढ़ाने के लिए हॉस्टल में रहने की अनिवार्यता को खत्म किया जाएगा, ताकि अधिक छात्रों का दाखिला हो सके.
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