प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
अगर आपके पास आधार कार्ड है तब भी आप बुरे चक्कर में फंस सकते हैं, बशर्ते वह प्लास्टिक या लेमिनेटेड न हो. यानी अगर आपके प्लास्टिक या लेमिनेटेड आधार कार्ड है, तो आपको यह खबर जरूर पढ़ना चाहिए. दरअसल, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) ने मंगलवार को जनता को आगाह किया कि वह प्लास्टिक वाले या लेमिनेटेड आधार स्मार्ट कार्ड के चक्कर में नहीं पड़ें, क्योंकि इनकी अनाधिकृत छपाई से क्यूआर कोड काम करना बंद कर सकता है या उनकी सहमति के बिना ही व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक हो सकती है.
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आधार बनाने वाली प्राधिकरण का कहना है कि आधार पत्र या इसका कटा हुआ भाग, सामान्य कागज पर आधार का इंटरनेट से निकाला गया संस्करण या एम आधार पूरी तरह वैध है. प्राधिकरण का कहना है कि आधार स्मार्ट कार्ड की अनाधिकृत छपाई से उपयोक्ता को 50 से 300 रुपये की लागत आएगी जो कि पूरी अनावश्यक है.
प्राधिकरण ने एक बयान में कहा है, ‘प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड का आमतौर पर क्यूआर कोड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि अनाधिकृत छपाई के दौरान यह कोर्ड काम करना बंद कर देता है.’ इसके अनुसार इसके साथ ही इस प्रक्रिया में उपयेक्ता की व्यक्तिगत जानकारी उसकी मंजूरी के बिना ही सार्वजनिक की जा सकती है.
यूएडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड पूरी तरह अनावश्यक व बर्बादी है क्योंकि डाउनलोड कर सामान्य कागज पर प्रकाशित आधार कार्ड या ‘एम आधार’ पूरी तरह वैध है.
VIDEO: ‘आधार’ की वजह से कई परिवारों को नहीं मिल रहा है राशन (इनपुट भाषा से)
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प्राधिकरण ने एक बयान में कहा है, ‘प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड का आमतौर पर क्यूआर कोड के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि अनाधिकृत छपाई के दौरान यह कोर्ड काम करना बंद कर देता है.’ इसके अनुसार इसके साथ ही इस प्रक्रिया में उपयेक्ता की व्यक्तिगत जानकारी उसकी मंजूरी के बिना ही सार्वजनिक की जा सकती है.
यूएडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड पूरी तरह अनावश्यक व बर्बादी है क्योंकि डाउनलोड कर सामान्य कागज पर प्रकाशित आधार कार्ड या ‘एम आधार’ पूरी तरह वैध है.
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