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This Article is From Oct 11, 2017

राहुल की चुटकी का संघ ने दिया जवाब, कहा- 'महिलाओं को देखना है तो महिला हॉकी मैच देखने जाएं राहुल'

भाजपा और कांग्रेस में चल रहे वाक युद्ध में अब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी कूद गया है. संघ ने राहुल के भाषण लिखने वालों को नसीहत दी है.

राहुल की चुटकी का संघ ने दिया जवाब, कहा- 'महिलाओं को देखना है तो महिला हॉकी मैच देखने जाएं राहुल'
RSS ने राहुल के नसीहत दी है कि वे रसातल में जाती हुई कांग्रेस की चिंता करें (फाइल फोटो)
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरूवार से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक शुरू हो रही है. बैठक से पहले संघ ने राहुल गांधी के बयान पर तीखा हमला बोला. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) में महिलाओं को स्थान न दिए जाने के सवाल पर संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने जवाब दिया और कहा कि राहुल की स्क्रिप्ट लिखने वाले समझदार नहीं हैं. यह तो ठीक वैसी बात हुई, पुरुष हॉकी मैच में महिला खिलाड़ी को देखने जैसी. 

शारदा विहार शैक्षणिक संस्थान में शुरू हो रही संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की बैठक का ब्योरा देते समय पूछे गए सवाल पर वैद्य ने कहा, "राहुल गांधी ने सवाल किया है कि क्या संघ में महिलाओं को देखा क्या, उनके इस सवाल से यह पता नहीं चलता कि उन्हें संघ की चिंता है या महिलाओं की. वे संघ की छोड़कर, अपनी पार्टी की चिंता करें."
उन्होंने कहा कि संघ सिर्फ पुरुषों के बीच कार्य करता है पर संघ के जनप्रबोधन के काम में महिलाएं सहयोग करती हैं. संघ परिवार जोड़ता है, महिलाएं वातावरण निर्माण का काम करती हैं. 

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राहुल गांधी ने अपने गुजरात प्रवास के दौरान संघ पर हमला करते हुए मौजूद लोगों से सवाल किया था कि "आपने संघ की शाखा में महिलाओं को कभी शॉर्ट पहने देखा है क्या." 

VIDEO: क्या देखा है कभी राहुल गांधी का डांस
राहुल के इस सवाल का वैद्य ने जवाब देते हुए कहा कि संघ ने तय किया था कि वह सिर्फ पुरुषों के बीच काम करेगा, यह तय करने का अधिकार संघ को है, अगर उन्हें महिलाएं देखना है तो महिला हॉकी मैच देखने जाएं. वैद्य ने आगे इंदिरा गांधी और राजीव गांधी का नाम लिए बगैर कहा, "उनकी दादी और पिता जब सत्ता में थे तो संघ को कमजोर करने की कोशिश की, मगर कुछ नहीं हुआ, संघ और मजबूत ही हुआ. संघ बढ़ता गया और उनका (कांग्रेस) जनाधार कम होता गया."

वैद्य ने कहा, "राहुल गांधी का भाषण लिखने वाले कम समझदार है, उन्हें संघ की जानकारी नहीं है, राहुल को संघ के बारे में जानना है तो और बौद्धिक लोगों का सहयोग लें."

राजनीतिक बयानबाजी के बीच आरएसएस की बैठक के कुछ और मायने भी हैं.  गुरु गोविंद सिंह की 350वीं जयंती पर होने के चलते बैठक कक्ष को उन्हीं के नाम पर रखा गया है. तीन दिवसीय बैठक शुरू होने से पहले कार्यकारी मंडल व क्षेत्र प्रचारकों की बैठकें हो चुकी हैं. प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को क्षेत्र प्रचारकों के साथ बैठक कर कार्यकारी मंडल की बैठक के एजेंडे को अंतिम रूप दिया. सूत्रों के मुताबिक, बैठक में रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में शरण देने के मुद्दे पर चर्चा होगी. केरल में आरएसएस कार्यकर्ताओं की हत्या पर भी बातचीत की जाएगी और जीएसटी, नोटबंदी लागू होने के बाद प्रचारकों की जनता से फीडबैक पर भी बात होगी.

इस बैठक में देशभर के 11 क्षेत्रों और 42 प्रांतों से लगभग 300 प्रतिनिधी हिस्सा ले रहे हैं. बैठक में संघ की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श होगा और संघ को और विस्तार देने पर भी बात होगी. सूत्रों के मुताबिक बैठक में भाग लेने वाला कोई भी शख्स फोन अंदर नहीं ले जा पाएगा.

 

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