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This Article is From Feb 22, 2024

पिछले 5 महीने से हूं वीगन, 3.30 बजे उठकर करता हूं योग : फिटनेस पर बोले CJI डीवाई चंद्रचूड़

सीजेआई से जुड़े सूत्रों ने NDTV को बताया कि रामदाना उनकी पसंद के मामले में नंबर वन है, जिसे आमतौर पर व्रत में खाया जाता है. इसके अलावा वह मखाना का भी नियमित सेवन करते हैं.

पिछले 5 महीने से हूं वीगन, 3.30 बजे उठकर करता हूं योग : फिटनेस पर बोले CJI डीवाई चंद्रचूड़
सीजेआई ने फिटनेस सीक्रेट किया शेयर

भारत के मुख्य न्यायाधीश ( CJI DY Chandrachud) डीवाई चंद्रचूड़ अब वीगन हो गए हैं. यही नहीं उनका फेवरेट है, रामदाना. दूसरे नंबर पर पसंद में आता है- मखाना. दरअसल, गुरुवार को जजों सहित, सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए सुप्रीम कोर्ट परिसर में एक आयुष समग्र कल्याण केंद्र का उद्घाटन करते हुए CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने खुलासा किया कि वो पिछले पांच महीने से वीगन हैं. उन्होंने ये भी कहा कि वो सुबह 3.30 बजे उठते हैं और योगा करते हैं.

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सुबह 3.30 बजे उठकर करता हूं योग

सीजेआई से जुड़े सूत्रों ने NDTV को बताया कि रामदाना उनकी पसंद के मामले में नंबर वन है, जिसे आमतौर पर व्रत में खाया जाता है. इसके अलावा वह मखाना का भी नियमित सेवन करते हैं. आयुष समग्र कल्याण केंद्र के शुभारंभ के दौरान CJI चंद्रचूड़ ने कहा, “मैं  सुबह 3.30 बजे योग करने के लिए उठा और निश्चित रूप से, मैं खुद वीगन का पालन करता हूं, पिछले पांच महीनों से मैं पूरी तरह से वीगन हूं और इसे जारी रख रहा हूं . मैं जीवन के एक समग्र पैटर्न पर ध्यान केंद्रित करने की कोशिश करता हूं, जो निश्चित रूप से आप क्या खाते हैं और आप अपने सिस्टम में क्या डालते हैं, उससे शुरू होता है."

जब से मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला तब से इसी जीवनशैली पर काम

सीजेआई ने कहा, “मेरे लिए, यह एक संतुष्टिदायक क्षण है.. जब से मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश का पद संभाला है तभी से मैं इस पर काम कर रहा हूं. मैं व्यक्तिगत रूप से आयुर्वेद और समग्र जीवन शैली का समर्थक हूं. उन्होंने कहा कि मैंने लगभग एक साल पहले 'पंचकर्म' किया था.

आयुर्वेद को लेकर कही ये बात

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में हमारे 2000 से अधिक कर्मचारी हैं और हमारे सहकर्मी हैं. सुप्रीम कोर्ट के सभी 34 न्यायाधीश जिन पर दैनिक काम का जबरदस्त दबाव है, फाइलें पढ़ रहे हैं और मुझे लगा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम इस पर गौर करें,  न केवल जजों और उनके परिवारों के लिए बल्कि हमारे स्टाफ के सदस्यों के लिए भी जीवन जीने का समग्र पैटर्न है. उन्होंने ये भी कहा कि कर्मचारियों के माध्यम से हम आयुर्वेद की परंपरा के लाभ के संदेश के बारे में देश के बाकी हिस्सों में प्रचार कर सकते हैं.

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