महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने पीएम मोदी को पत्र लिखा है. उन्होंने अपने इस पत्र में पीएम से अनुरोध किया है कि वो उन्हें सभी राजनीतिक जिम्मेदारियों से मुक्त कर दें. राज्यपाल कोश्यारी का यह फैसला राजनीति के जानकारों के लिए हैरान करने वाला है. बता दें कि कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के विपक्षी दलों ने कोश्यारी पर कथित तौर पर पक्षपात करने का आरोप लगाया था.
राजभवन द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि राज्यपाल कोश्यारी ने अपना शेष जीवन पढ़ने, लिखने और अन्य कामों में इत्मीनान से बीताने की इच्छा जताई है.
कोश्यारी ने मीडिया को दिए एक बयान में कहा कि महाराष्ट्र जैसे महान राज्य - संतों, समाज सुधारकों और बहादुर सेनानियों की भूमि के राज्य सेवक या राज्यपाल के रूप में सेवा करना मेरे लिए पूर्ण सम्मान और सौभाग्य की बात थी.
बता दें कि कुछ दिन पहले ही महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा था कि राज्यपाल बनने के बाद वह नाखुश हैं और उन्हें लगता है कि वह सही जगह पर नहीं हैं. कोश्यारी ने कहा था कि मैं दुखी हूं, खुश नहीं हूं. उन्हें खुशी और सही जगह तभी महसूस होती है जब राजभवन में संन्यासी आते हैं. कोश्यारी ने ये बात जैन समुदाय के एक कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान कही थी.
उन्होंने सरकार से भविष्य में तीर्थ उद्योग लगाने का अनुरोध भी किया. राज्यपाल ने कहा था कि मैं सरकार से 'पर्यटन मंत्रालय' की तरह एक तीर्थ मंत्रालय बनाने का अनुरोध करता हूं क्योंकि तीर्थ की अपनी गरिमा होती है.
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