आम आदमी पार्टी के सूत्रों के अनुसार दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तिहाड़ जेल सुपरिटेंडेंट को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में केजरीवाल ने लिखा है कि अखबार में आपका बयान पढ़ा. वो बयान गलत है. आपका झूठा बयान पढ़ के बहुत दुख हुआ है. तिहाड़ प्रशासन का पहला बयान ‘अरविंद केजरीवाल ने इंसुलिन का मुद्दा कभी नहीं उठाया'...यह सरासर झूठ है. मैं पिछले 10 दिन से लगातार इंसुलिन का मुद्दा उठा रहा हूं, दिन में कई बार उठा रहा हूं. जब भी कोई डॉक्टर मुझे देखने आया तो मैंने बताया कि मेरा शुगर लेवल बहुत हाई है. मैंने ग्लूको-मीटर की रीडिंग दिखा कर बताया कि दिन में 3 बार पीक आती है और शुगर लेवल 250-320 के बीच जाता है. मैंने बताया कि फास्टिंग का शुगर लेवल रोज़ 160-200 पर है. मैंने रोज़ इंसुलिन की मांग की है. तो आप यह झूठा बयान कैसे दे सकते हैं कि केजरीवाल ने कभी इंसुलिन का मुद्दा नहीं उठाया?
तिहाड़ प्रशासन का दूसरा बयान: AIIMS के डॉक्टर ने आश्वस्त किया है कि कोई चिंता की बात नहीं है....यह भी सरासर झूठ है. AIIMS के डॉक्टर ने ऐसा कोई आश्वासन नहीं दिया. उन्होंने शुगर लेवल का और मेरे स्वास्थ्य से जुड़ा पूरा डाटा मांगा, और कहा कि डाटा को देखने और विश्लेषण करने के बाद वो अपनी राय देंगे. मुझे बहुत दुख है कि आपने राजनैतिक दबाव में आ कर झूठे और ग़लत बयान दिए हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि आप क़ानून और संविधान का पालन करेंगे.
इंसुलिन की जरूरत पर ईडी ने बोला झूठ: आतिशी
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने आज आरोप लगाया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को इंसुलिन की जरूरत है या नहीं, इस पर एम्स के विशेषज्ञों से सलाह लेने के बारे में अदालत से 'झूठ' बोला. केजरीवाल को मधुमेह रोग है.
केजरीवाल ने शुक्रवार को एक नई याचिका दाखिल कर हर दिन 15 मिनट अपने चिकित्सक से परामर्श लेने और जेल में इंसुलिन देने की मांग रखी थी. आतिशी ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा, ''ईडी ने अदालत में झूठ बोला और कहा कि एम्स के विशेषज्ञों से परामर्श लिया गया है और केजरीवाल को इंसुलिन की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने केजरीवाल के लिए एक आहार चार्ट भी तैयार किया है.''
उन्होंने कहा, ''हालांकि, आहार चार्ट किसी मधुमेह विशेषज्ञ द्वारा नहीं बल्कि एक आहार विशेषज्ञ द्वारा तैयार किया गया है. हम सभी जानते हैं कि आहार विशेषज्ञ एमबीबीएस डॉक्टर नहीं होते. उस आहार चार्ट के आधार पर वे (जेल प्रशासन) अदालत में कहते रहे हैं कि केजरीवाल को इंसुलिन की जरूरत नहीं है.''
जेल अधिकारियों ने बताया कि तिहाड़ प्रशासन ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये एम्स के वरिष्ठ विशेषज्ञ से केजरीवाल को परामर्श मुहैया कराया और कॉल के दौरान इंसुलिन का मुद्दा न तो केजरीवाल ने उठाया और न ही चिकित्सकों ने इसका सुझाव दिया.
जेल के एक अधिकारी ने बताया, ''40 मिनट के विस्तृत परामर्श के बाद केजरीवाल को आश्वस्त किया गया कि चिंता की कोई बात नहीं है और उन्हें अपनी दवाइयां जारी रखने को कहा गया है, जिनकी नियमित रूप से समीक्षा की जाएगी.
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