तृणमूल कांग्रेस ने कई घंटों तक चली सियासी मशक्कत के बाद पार्टी के एक और सांसद द्वारा बीजेपी का दामन थामने से होने वाली फजीहत से खुद को बचा लिया. डायमंड हार्बर से सांसद और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी से कोलकाता में एक घंटे तक चली मुलाकात के बाद पार्टी सांसद शताब्दी रॉय ने सारी अटकलों पर विराम लगा दिया.
अभिनय की दुनिया से राजनीति में आईं शताब्दी रॉय ने कहा, "मैं तृणमूल कांग्रेस के साथ हूं, पार्टी से मेरी समस्याओं को अभिषेक बनर्जी ने दूर कर दिया है. पार्टी ने मेरे अभिमान को कायम रखा है. मैं ममता बनर्जी के कारण राजनीति में आई थी. मैं उनके साथ हूं." शताब्दी रॉय ने पहले कहा था कि वह मानसिक रूप से बेहद व्यथित थीं क्योंकि उन्हें उनके संसदीय क्षेत्र के लोगों से मिलने नहीं दिया जा रहा था और न ही पार्टी के कार्यक्रमों में बुलाया जा रहा था.
बीरभूम से सांसद शताब्दी रॉय को शनिवार दिल्ली सुबह सात बजे फ्लाइट से जाना था. ऐसी अटकलें थीं कि वह दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिल सकती हैं और वह बीजेपी में जा सकती हैं. हालांकि शुक्रवार शाम को शताब्दी ने कहा कि उन्होंने दिल्ली का कार्यक्रम रद्द कर दिया है.
तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष शताब्दी रॉय को अपने साथ अभिषेक बनर्जी के कार्यालय ले गए. घोष ने सुबह के वक्त शताब्दी से मुलाकात की थी. घोष ने कहा कि अगर टीएमसी कार्यकर्ताओं को पार्टी से कोई शिकायत है तो उन्हें बोलना चाहिए ताकि उनका निदान किया जा सके. टीएमसी सांसद के अचानक यू टर्न लेने से बीजेपी को झटका तो लगा, लेकिन उसने कहा कि यह दिखाता है कि तृणमूल कांग्रेस की स्थिति कितनी नाजुक है.
बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष जय प्रकाश मजूमदार ने कहा, "शताब्दी रॉय ने कहा है कि वह कल दिल्ली नहीं जा रही हैं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं कहा कि वह भविष्य में भी दिल्ली नहीं जाएंगी. तृणमूल कांग्रेस को यह सोचना चाहिए कि क्यों एक के बाद दूसरा नेता ऐसा व्यवहार कर रहा है." अब तक एक सांसद और सात विधायक तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम चुके हैं.
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