पकड़ा गया आतंकी उस्मान
जम्मू:
उधमपुर में बीएसएफ के एक काफिले पर बुधवार को हुए हमले के बाद जिंदा पकड़े गए पाकिस्तान से आए संदिग्ध लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादी मोहम्मद नावेद ने कहा कि 'ऐसा करने में मजा आता है।' आतंकवादी हमले में बीएसएफ के दो कांस्टेबल मारे गए।
खुद को पाकिस्तान के फैसलाबाद का बताने वाले नावेद ने मीडिया के सामने दावा किया कि वह साथी आतंकवादी मोमिन खान के साथ 12 दिन पहले जम्मू क्षेत्र में आया था। खान की बीएसएफ की ओर से की गई जवाबी गोलीबारी में मौत हो गई। गिरफ्तार आतंकी के पिता का नाम मोहम्मद याकूब है और उसके 2 भाई व एक बहन भी है। आतंकी पाकिस्तान में गुलाम मुस्तफ़ाबाद गांव का निवासी है। आतंकी का असली नाम उस्मान नहीं मोहम्मद नावेद है और मारे गए आतंकी का नाम नोमान उर्फ़ नोमी था। दोनों आतंकी लश्कर-ए-तौएबा के लिए काम करते थे।
अजमल कसाब के बाद नावेद पहला संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी है जिसे जिंदा पकड़ा गया है। कसाब को 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान पकड़ा गया था।
गहरे नीले रंग की कमीज और भूरे रंग की पतलून पहने नावेद ने राहत भरे अंदाज में कहा, 'मैं हिंदुओं को मारने आया था।' उसने कहा, 'मुझे यहां आये 12 दिन हो गए हैं। इतने दिन हम जंगल में घूमते रहे।'
नावेद ने बताया, 'मैं पाकिस्तान से हूं। मेरा साथी गोलीबारी में मारा गया लेकिन मैं बच गया। अगर मैं मारा जाता तो यह अल्ला का करम होता। यह करने में मजा आता है।' शुरू में उसने कहा कि वह 20 साल के आसपास का होगा लेकिन बाद में दावा किया कि उसकी उम्र केवल 16 साल है। पहले उसने अपनी पहचान कासिम के तौर पर बताई और बाद में अपना नाम उस्मान बताया।
प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा नौजवानों को यह फरमान जारी कर जम्मू कश्मीर भेजता है कि अगर वे पकड़े जाएं तो वे खुद को 18 साल से कम उम्र का बताएं ताकि उन पर किशोरों की तरह मुकदमा चलें।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के काफिले पर हमले के बाद संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया। हमले में दो जवान शहीद हो गए और 11 घायल हो गए। इस हमले में शामिल एक अन्य आतंकवादी मारा गया।
खुद को पाकिस्तान के फैसलाबाद का बताने वाले नावेद ने मीडिया के सामने दावा किया कि वह साथी आतंकवादी मोमिन खान के साथ 12 दिन पहले जम्मू क्षेत्र में आया था। खान की बीएसएफ की ओर से की गई जवाबी गोलीबारी में मौत हो गई। गिरफ्तार आतंकी के पिता का नाम मोहम्मद याकूब है और उसके 2 भाई व एक बहन भी है। आतंकी पाकिस्तान में गुलाम मुस्तफ़ाबाद गांव का निवासी है। आतंकी का असली नाम उस्मान नहीं मोहम्मद नावेद है और मारे गए आतंकी का नाम नोमान उर्फ़ नोमी था। दोनों आतंकी लश्कर-ए-तौएबा के लिए काम करते थे।
अजमल कसाब के बाद नावेद पहला संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी है जिसे जिंदा पकड़ा गया है। कसाब को 2008 में मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान पकड़ा गया था।
गहरे नीले रंग की कमीज और भूरे रंग की पतलून पहने नावेद ने राहत भरे अंदाज में कहा, 'मैं हिंदुओं को मारने आया था।' उसने कहा, 'मुझे यहां आये 12 दिन हो गए हैं। इतने दिन हम जंगल में घूमते रहे।'
नावेद ने बताया, 'मैं पाकिस्तान से हूं। मेरा साथी गोलीबारी में मारा गया लेकिन मैं बच गया। अगर मैं मारा जाता तो यह अल्ला का करम होता। यह करने में मजा आता है।' शुरू में उसने कहा कि वह 20 साल के आसपास का होगा लेकिन बाद में दावा किया कि उसकी उम्र केवल 16 साल है। पहले उसने अपनी पहचान कासिम के तौर पर बताई और बाद में अपना नाम उस्मान बताया।
प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा नौजवानों को यह फरमान जारी कर जम्मू कश्मीर भेजता है कि अगर वे पकड़े जाएं तो वे खुद को 18 साल से कम उम्र का बताएं ताकि उन पर किशोरों की तरह मुकदमा चलें।
जम्मू-कश्मीर के उधमपुर जिले में जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर आज सीमा सुरक्षाबल (बीएसएफ) के काफिले पर हमले के बाद संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी को जिंदा पकड़ लिया गया। हमले में दो जवान शहीद हो गए और 11 घायल हो गए। इस हमले में शामिल एक अन्य आतंकवादी मारा गया।
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