
- बाड़मेर के उण्डू गांव में एक दंपती ने प्रॉपर्टी विवाद से परेशान होकर सामूहिक आत्महत्या की
- मृतक परिवार में शिवलाल, पत्नी कविता और उनके दो बेटे बजरंग व रामदेव शामिल हैं.
- पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें विवाद का उल्लेख है.
- सुसाइड नोट में तीन लोगों को मौत का जिम्मेदार ठहराया गया है.
Rajasthan Barmer Suicide News: मां कविता ने छोटे बेटे रामदेव को बेटी की तरह सजाया था. उसे चुनरी ओढ़ाई, काजल लगाया और अपनी सोने की ज्वेलरी भी पहनाई और बच्चा बेहद खुश था. उस मासूम को क्या पता था कि उसकी कुछ देर में मौत हो जाएगी. राजस्थान के बाड़मेर से सामूहिक आत्महत्या की खबर ने सबको चौंका दिया है.
बाड़मेर जिले (Barmer Suicide) के शिव थाना क्षेत्र के उण्डू गांव में प्रॉपर्टी विवाद से परेशान एक दंपती ने अपने दो मासूम बेटों के साथ पानी के टांके में कूदकर सामूहिक आत्महत्या कर ली. पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है.
मरने वालों की पहचान शिवलाल (35) पुत्र नगाराम, उसकी पत्नी कविता (32), और उनके दो बेटे बजरंग (9) व रामदेव (8) के रूप में हुई है. चारों के शव घर से करीब 20 मीटर दूर बने पानी के टांके से बरामद किए गए.

बेटे रामदेव को बेटी की तरह सजाया
घटना से पहले मां कविता ने छोटे बेटे रामदेव को बेटी की तरह सजाया था. उसे चुनरी ओढ़ाई, काजल लगाया और अपनी सोने की ज्वेलरी पहनाई. बच्चा बेहद खुश था, तो उसका वीडियो भी बनाया गया. इसके थोड़ी देर बाद ही चारों ने टांके में कूदकर जान दे दी.
सुसाइड नोट में क्या लिखा है?
पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें छोटे भाई सहित तीन लोगों को मौत का जिम्मेदार बताया गया है. सुसाइड नोट में मकान और जमीन को लेकर लंबे समय से चल रहे विवाद का उल्लेख है. लिखा है कि हमारा अंतिम संस्कार घर के सामने ही किया जाए. यही हमारी मौत की वजह है.
पुलिस और एफएसएल टीम ने घटनास्थल से जरूरी साक्ष्य जुटाए हैं. मृतकों के परिजनों ने छोटे भाई पर मानसिक प्रताड़ना और लगातार विवाद में उलझाने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि परिवार को जानबूझकर तंग किया गया, जिससे तंग आकर उन्होंने यह कदम उठाया. पुलिस अब सुसाइड नोट में नामजद लोगों से पूछताछ कर रही है.
जानें क्या है परिवार का संपत्ति विवाद
शिवलाल जयपुर में हैंडीक्राफ्ट का काम करता था वहीं उसका छोटा भाई मांगीलाल बाड़मेर में टेंट हाउस का काम करता था पिता पूजा पाठ के काम से जुड़े हैं गाँव में ही शिवलाल वह मांगीलाल की माँ कमला के नाम पर पुश्तैनी मकान है अभी माँ के नाम ही सरकारी आवास से निकला था शिवलाल चाहता था की पुश्तैनी मकान छोटे भाई को दे दिया जाए जबकि माँ के नाम निकला सरकारी आवास उसको मिले लेकिन माँ और भाई मांगीलाल ऐसा नहीं चाहते थे माँ छोटे भाई के पक्ष में ज़्यादा रहती थी जबकि पिता नगाराम दोनों भाइयों को बराबर रखते थे लेकिन पारिवारिक विवाद के कारण शिवलाल ने अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ सुसाइड कर लिया।
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