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This Article is From Nov 02, 2016

भोपाल एनकाउंटर पर गहराते सवाल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान

भोपाल एनकाउंटर पर गहराते सवाल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने लिया संज्ञान
भोपाल: भोपाल की सेंट्रल जेल तोड़कर फरार हुए आठ कैदियों के मुठभेड़ में मारे जाने पर सवाल गहरे हो गए हैं. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने खुद इस मसले पर संज्ञान लेते हुए राज्य के मुख्य सचिव और डीजीपी समेत चार अधिकारियों को नोटिस भेजकर छह हफ्ते में जवाब मांगा है.

इधर, मध्य प्रदेश के डीजीपी ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है. इसमें CID के एसपी अनुराग शर्मा, एक डीएसपी और चार इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है.

इस बीच राज्य के गृहमंत्री ने NDTV से बातचीत में कहा है कि ये आठों आतंकी किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की साज़िश में लगे थे. किसी बड़े नेटवर्क की वजह से ही इनका जेल से भागना मुमकिन हुआ है. इधर, सरकार ने साफ़ कर दिया है कि NIA की जांच मुठभेड़ पर नहीं, कैदियों के फरार होने पर केंद्रित होगी.

मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. जहां विपक्ष पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग कर रहा है. वहीं सरकार विपक्ष की बयानबाजी को ओछी राजनीति बता रहा है.

भोपाल की बेहद सुरक्षित मानी जाने वाली सेंट्रल जेल से आठ कैदी एक साथ कैसे फरार हुए?
  • उनकी निगरानी के लिए तैनात एसएएफ़ के लोग रविवार की रात क्यों नहीं थे?
  • उनकी सेल में लगे चार सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं काम कर रहे थे?
  • उनके पास इतने हथियार कहां से आए, जितने पुलिस बता रही है?
  • फरार होने के बाद इतने घंटों में वह एक साथ इकट्ठा महज़ 12 किमी दूर कैसे पहुंच पाए?

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