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NIA की जांच मुठभेड़ पर नहीं, कैदियों के फरार होने पर केंद्रित
एमपी के DGP ने मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया
सरकार ने विपक्ष की बयानबाजी को बताया ओछी राजनीति
इधर, मध्य प्रदेश के डीजीपी ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है. इसमें CID के एसपी अनुराग शर्मा, एक डीएसपी और चार इंस्पेक्टर को शामिल किया गया है.
इस बीच राज्य के गृहमंत्री ने NDTV से बातचीत में कहा है कि ये आठों आतंकी किसी बड़ी आतंकी घटना को अंजाम देने की साज़िश में लगे थे. किसी बड़े नेटवर्क की वजह से ही इनका जेल से भागना मुमकिन हुआ है. इधर, सरकार ने साफ़ कर दिया है कि NIA की जांच मुठभेड़ पर नहीं, कैदियों के फरार होने पर केंद्रित होगी.
मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. जहां विपक्ष पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग कर रहा है. वहीं सरकार विपक्ष की बयानबाजी को ओछी राजनीति बता रहा है.
भोपाल की बेहद सुरक्षित मानी जाने वाली सेंट्रल जेल से आठ कैदी एक साथ कैसे फरार हुए?
- उनकी निगरानी के लिए तैनात एसएएफ़ के लोग रविवार की रात क्यों नहीं थे?
- उनकी सेल में लगे चार सीसीटीवी कैमरे क्यों नहीं काम कर रहे थे?
- उनके पास इतने हथियार कहां से आए, जितने पुलिस बता रही है?
- फरार होने के बाद इतने घंटों में वह एक साथ इकट्ठा महज़ 12 किमी दूर कैसे पहुंच पाए?
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