पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amrinder Singh) ने स्पष्ट कर दिया है कि वो अब कांग्रेस (Congress) में चंद दिनों के मेहमान हैं. हालांकि ये भी साफ कर दिया है कि वो बीजेपी में नहीं जा रहे हैं. कैप्टन ने NDTV को दिए खास इंटरव्यू में 18 सितंबर के घटनाक्रम के बारे में विस्तार से बताया, जिस दिन उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था. इसबीच, अमरिंदर सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस हटा दिया है.
अमरिंदर सिंह ने कहा, "सुबह के साढ़े 10 बजे सीपी (सीपी जोशी) ने कहा आप इस्तीफा दीजिए.. मैंने एक बार भी नहीं पूछा.. शाम चार बजे तक मैंने गवर्नर को इस्तीफा दे दिया." सिंह ने कहा, "पार्टी ने तीन-तीन पर्यवेक्षक भेजे थे लेकिन सभी को फोन करके ताकीद किया गया था कि मुख्यमंत्री आवास नहीं जाना है, बल्कि सभी मीटिंग चंडीगढ़ के पार्टी मुख्यालय में करना है."
अमरिंदर सिंह ने इसे अपना अपमान बताते हुए कहा, "मैंने अपने 52 वर्षों के राजनीतिक जीवन के 50 साल कांग्रेस को दिए लेकिन मेरे साथ जैसा व्यवहार किया गया, वह असहनीय था. मेरी भी अपनी प्रतिष्ठा है, अपने सिद्धांत हैं, जिसे ठेस पहुंचाया गया है." उन्होंने कहा, "मेरे 50 साल की निष्ठा पर सवाल उठाया गया. जब मेरे ऊपर पार्टी को भरोसा ही नहीं रहा तो मुझे कांग्रेस में रहने का क्या मतलब है.?"
एक सवाल के जवाब में कैप्टन ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू कभी टीम लीडर नहीं रहे, इसलिए वो पार्टी का भी नेतृत्व नहीं कर सकते. वो कपिल शर्मा के शो में सिर्फ हंसी ठिठोली कर सकते हैं, पब्लिक भी उनको उसी तरह ले रही है. सिंह ने कहा कि सिद्धू में अभी भी बचपना है लेकिन कांग्रेस प्रमुख का पद बहुत अहम पद है. सिंह ने कहा कि सिद्धू में गंभीरता नहीं है. उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस का ग्राफ तेजी से गिर रहा है, जबकि आप का ग्राफ चढ़ रहा है.
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उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ बातचीत पर कहा कि उनसे किसानों के मुद्दे और पंजाब की समस्या पर बातचीत हुई. सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन में 240 पंजाबी मर चुके हैं. आंदोलन को करीब एक साल हो चुका है तो यह कब तक चलेगा. उन्होंने कहा कि हमने गृह मंत्री से चर्चा की कि अगर केंद्र 25 हजार करोड़ रुपये पंजाब को देगी तो कई फसलों पर MSP दिया जा सकता है. कैप्टन ने कहा कि पानी के संकट पर भी गृह मंत्री से बात हुई. जलस्तर लगातार नीचे भाग रहा है. भाखड़ा बांध में भी पानी नहीं है नहरों में पानी नहीं है. कम पानी वाले फसल पर भी चर्चा हुई.
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