भारतीय जनता पार्टी के सांसद ही नहीं अब उनके निजी सचिव और सहायक भी आरएसएस की क्लास ले रहे हैं। इन लोगों के लिए आरएसएस ने छह दिन का एक ट्रेनिंग प्रोग्राम रखा है जिसके बाद उन्हें एक राजनीतिक सहायक (पोलिटिकल एसिस्टेंटशिप) का सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा।
बताया जा रहा है कि इन सचिवों और सहायकों को यह भी सिखाया जाएगा कि किस प्रकार स्टिंग ऑपरेशनों से और संदिग्ध आगंतुकों से बचा जाए।
करीब 100 निजी सचिवों और सहायकों को रामभाऊ महलगी प्रबोधिनी में ट्रेनिंग दी जाएगी और प्रति व्यक्ति पांच हजार रुपये का खर्चा लिया जा रहा है। यह खर्चा सांसदों को ही वहन करना है।
इन सभी लोगों को कार्यालयीन व्यवहार, सोशल मीडिया, पत्र व्यवहार और शोध के साथ-साथ भाजपा और आरएसएस के विचारों से परिचित कराया जाएगा।
सूत्र बता रहे हैं कि यह कोर्स सात साल पहले भी कराया गया था जब भाजपा विपक्ष में थी और यूपीए सरकार सत्ता में थी।
लोकसभा चुनावों में भारी बहुमत के साथ सत्ता में आई भाजपा ने 160 पहली बार बने सांसदों को भी तमाम दिशा-निर्देश दिए हैं। उन्हें कहा गया है कि वह समय पर आएं और लगातार उपस्थिति दर्ज कराएं। ऐसा नहीं होने पर पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट में नाम आएगा और शर्मिंदगी का सबब बनेगा।
उल्लेखनीय है कि पार्टी ने पहले ही अपने 320 सांसदों को यह साफ कर दिया है कि सांसदों के क्रियाकलापों की मासिक रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह रिपोर्ट उनके संसद और बाहर के कामों पर आधारित होगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर उन्हें संसद में बोलने का मौका और कैबिनेट में जगह दी जाएगी।
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