पश्चिम बंगाल के न्यू जलपाईगुड़ी में मालगाड़ी और कंजनजंगा एक्सप्रेस की भीषण टक्कर में मरने वालों की संख्या बढ़कर 9 हो गई है. अभी तक की जानकारी के मुताबिक- इस हादसे में 50 यात्री घायल हुए हैं. पटरी पर खड़ी कंचनजंगा एक्सप्रेस को पीछे से मालगाड़ी ने भीषण टक्कर मारी. हादसा इतना भयानक था कि मालगाड़ी का एक पूरा डिब्बा तो हवा में लटक गया. मालगाड़ी और ट्रेन के कई डिब्बे पटरी से उतर गए. आखिर यह भीषण हादसा क्यों हुआ और रेलवे का कवच सिस्टम यहां पर काम क्यों नहीं कर पाया, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं. शुरुआती जानकारी के मुताबिक माना जा रहा है कि मालगाड़ी के ड्राइवर ने सिग्नल की अनदेखी की है. मौके पर मौजूद लोगों और यात्रियों इस घटना की आंखोंदेखी बयां की है...
रेलवे की तरफ से मुआवजे की घोषणा
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प बंगाल में हुए ट्रेन हादसे पर दुख जताया है और इस हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को 10 लाख रुपये और गंभीर रूप से घायलों को 2.5 लाख रुपये और मामूली रूप घायलों को 50 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है.
Enhanced ex-gratia compensation will be provided to the victims;
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) June 17, 2024
₹10 Lakh in case of death,
₹2.5 Lakh towards grievous and ₹50,000 for minor injuries.
कैसे हुई मालगाड़ी और कंचनजंगा के बीच टक्कर
हादसे वाली जगह पर मौजूद एक शख्स ने एनडीटीवी इंडिया को बताया, 'जब यह घटना घटी तब सुबह के 8 बजकर 35 मिनट बज रहे थे. कंजनजंगा एक्सप्रेस उस वक्त धीमी गति से आगे बढ़ रही थी और तभी पीछे से आती हुई मालगाड़ी ने ट्रेन में टक्कर मार दी.'
क्या मालगाड़ी के ड्राइवर ने तोड़ा सिग्नल?
जानकारी के मुताबिक, मालगाड़ी सिग्नल को दरकिनार कर आगे बढ़ गई और उसने कंचनजंगा को टक्कर मार दी. इस घटना की तस्वीरें भी दिल दलहा देने वाली हैं. इन तस्वीरों में देखा जा सकता है कि बोगी एक के ऊपर एक चढ़ी हुई हैं और इसे देखकर लग रहा है कि टक्कर काफी भीषण थी.
किन कारणों से उत्पन्न हुई होगी इस तरह की स्थिति
- नजदीकी स्टेशन की ओर से ट्रेन को सिग्नल दिया जाता है.
- या हो सकता है कि सिग्नल में कोई तकनीकी खराबी रही हो.
- हो सकता है कि लोगो पायलट ने दिए गए सिग्नल को न देखा हो.
आमूमन एक पटरी पर 2 से 3 ट्रेन रह सकती हैं लेकिन इन ट्रेनों के बीच में हमेशा एक नियमित दूरी बनी रहती है. इसी वजह से सिग्नल बेहद अहम माना जाता है. सिग्नल यह बताने का काम करता है कि यदि आगे कोई अन्य ट्रेन है तो रेड रहेगा. यदि सिग्नल ग्रीन है तो इसका मतलब है कि आप ट्रेन को आगे ले जा सकते हैं. हालांकि, मंत्रालय का कहना है कि यह सिग्नल ओवरशूट का मामला है. इसका मतलब है कि मालगाड़ी को आगे जाने के लिए ग्रीन सिग्नल नहीं मिला था लेकिन फिर भी मालगाड़ी आगे निकल गई.
घायलों के लिए मदरसे में बनाया गया कैंप
वहीं पुलिस अधिकारी ने कहा, "स्थिति अभी थोड़ी गंभीर है. पीछे से मालगाड़ी ने इसे टक्कर मार दी है. ट्रेन की 3 बोगी पटरी से उतर गई हैं और अब तक 5 लोगों की मौत हो गई है. हमने लोगों को उनके लगेज के साथ सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. साथ ही यहां मदरसे में एक कैंप स्थापित किया गया है और वहीं उन्हें ले जाया गया है. यहां उनका प्रारंभिक इलाज करने के बाद उन्हें न्यूजलपाईगुड़ी के अस्पताल में भर्ती किया जाएगा".
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