मुलायम सिंह को फाइल फोटो
नई दिल्ली:
मुलायम सिंह यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले को बंद करने के बाद सीबीआई ने आयकर विभाग से कहा है कि समाजवादी पार्टी के नेता की पत्नी साधना द्वारा अपने पुत्र प्रतीक के नाम अर्जित कथित बेनामी संपत्तियों की वह जांच करे।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने आयकर विभाग को लिखे पत्र में करोड़ों रुपये मूल्य की चार संपत्तियों का लखनऊ में होने का जिक्र किया है।
एजेंसी ने यादव, उनके बेटे अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बंद करते हुए कहा था कि साधना ने प्रतीक के नाम से ये बेनामी संपत्तियां तब अर्जित कीं जब वह नाबालिग था और उसके संबंध सपा नेता और उनके परिवार के सदस्यों से होने के बारे में पता नहीं चला था।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने इन संपत्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी को आयकर विभाग को भेजा है क्योंकि इन संपत्तियों में कर का मामला हो सकता है जो आयकर विभाग के क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि यादव के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद प्रतीक के नाम से साधना द्वारा संपत्ति अर्जित करने का पता चला। इस सूचना पर आवश्यक कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया है।
सीबीआई ने ‘पूरी तरह अपर्याप्त साक्ष्य’ के आधार पर यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्रारंभिक जांच को बंद कर दिया था।
एजेंसी ने 2007 में यादव, अखिलेश, डिंपल यादव और प्रतीक के खिलाफ विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद प्रारंभिक जांच दर्ज किया था।
यादव परिवार की संयुक्त आय से अधिक संपत्ति 2.63 करोड़ रुपये पाई गई। दिसम्बर 2012 में उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि डिंपल यादव की आय, संपत्ति और खर्च को परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नहीं जोड़ा जाए क्योंकि 2005 तक वह सार्वजनिक पद पर नहीं थी।
आदेश के बाद जांच को नए सिरे से अंजाम दिया गया जिससे पता चला कि यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने आयकर विभाग को लिखे पत्र में करोड़ों रुपये मूल्य की चार संपत्तियों का लखनऊ में होने का जिक्र किया है।
एजेंसी ने यादव, उनके बेटे अखिलेश और प्रतीक के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला बंद करते हुए कहा था कि साधना ने प्रतीक के नाम से ये बेनामी संपत्तियां तब अर्जित कीं जब वह नाबालिग था और उसके संबंध सपा नेता और उनके परिवार के सदस्यों से होने के बारे में पता नहीं चला था।
सूत्रों ने कहा कि एजेंसी ने इन संपत्तियों के बारे में विस्तृत जानकारी को आयकर विभाग को भेजा है क्योंकि इन संपत्तियों में कर का मामला हो सकता है जो आयकर विभाग के क्षेत्र में आता है। उन्होंने कहा कि यादव के खिलाफ जांच पूरी होने के बाद प्रतीक के नाम से साधना द्वारा संपत्ति अर्जित करने का पता चला। इस सूचना पर आवश्यक कार्रवाई के लिए विभाग को लिखा गया है।
सीबीआई ने ‘पूरी तरह अपर्याप्त साक्ष्य’ के आधार पर यादव और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ प्रारंभिक जांच को बंद कर दिया था।
एजेंसी ने 2007 में यादव, अखिलेश, डिंपल यादव और प्रतीक के खिलाफ विश्वनाथ चतुर्वेदी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद प्रारंभिक जांच दर्ज किया था।
यादव परिवार की संयुक्त आय से अधिक संपत्ति 2.63 करोड़ रुपये पाई गई। दिसम्बर 2012 में उच्चतम न्यायालय ने निर्देश दिया कि डिंपल यादव की आय, संपत्ति और खर्च को परिवार के अन्य सदस्यों के साथ नहीं जोड़ा जाए क्योंकि 2005 तक वह सार्वजनिक पद पर नहीं थी।
आदेश के बाद जांच को नए सिरे से अंजाम दिया गया जिससे पता चला कि यादव के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला चलाने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं हैं।
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