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This Article is From Mar 30, 2018

कैसे तैयार होता है CBSE का Question Paper और कैसे पहुंचता है सेंटर तक, आइए जानें इसका सफ़र

बहुत से छात्रों ने छुट्टियों की योजना बनाई थी जिसे अब दोबारा परीक्षा होने तक रद्द करना होगा. 

कैसे तैयार होता है CBSE का Question Paper और कैसे पहुंचता है सेंटर तक, आइए जानें इसका सफ़र
सीबीएसई की परीक्षा लीक होने से छात्रों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) मुख्यालय के बाहर शुक्रवार को छात्रों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने 10वीं व 12वीं कक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले को लेकर प्रदर्शन किया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रीत विहार में कार्यालय के बाहर बैरीकेड्स पर चढ़ने की कोशिश की लेकिन इन्हें हटा दिया गया. कक्षा 10वीं व 12वीं के गणित व अर्थशास्त्र के प्रश्न पत्र लीक से प्रभावित छात्रों व उनके माता-पिता ने कहा कि इससे उन पर बहुत असर पड़ा है. बहुत से छात्रों ने छुट्टियों की योजना बनाई थी जिसे अब दोबारा परीक्षा होने तक रद्द करना होगा. 

आइए देखें कैसे तैयार होता है प्रश्न पत्र -
  • नवंबर-दिसंबर: विशेषज्ञ शिक्षकों से मंगाए जाते हैं प्रश्न पत्र
  • दिसंबर-जनवरी: जांच-परख के बाद कमेटी तय करती है प्रश्न पत्र
  • प्रश्न पत्र के कई सेट तैयार किए जाते हैं
  • इस साल 3 की बजाय 1 ही सेट तैयार किया गया
  • जनवरी: फ़ाइनल होने के बाद सीक्रेसी विभाग में जाते हैं प्रश्न पत्र
  • सीक्रेसी विभाग प्रश्न पत्र सील करके प्रिंटिंग प्रेस में भेजता है
  • जनवरी-फ़रवरी: छपे प्रश्न पत्र फिर CBSE के सीक्रेसी विभाग पहुंचते हैं
  • CBSE दूरी के आधार पर प्रश्न पत्र भेजने की तारीख़ तय करती है
  • फ़रवरी: डिपोज़िशन सेंटर (बैंक, पोस्ट ऑफ़िस) भेजे जाते हैं प्रश्न पत्र
  • कोई विकल्प न होने पर स्कूल बनते हैं डिपोज़िशन सेंटर
  • दिल्ली में सीधे क्षेत्रीय दफ़्तर से एग्ज़ाम सेंटर भेजे जाते हैं प्रश्न पत्र
  • परीक्षा के दिन सेंटर सुपरिटेंडेंट 8 बजे तक प्रश्न पत्र एग्ज़ाम सेंटर ले जाते हैं 
  • सुपरिटेंडेंट सीलबंद पेपर इनविजिलेटर को सौंपते हैं  
  • 9.30 बजे इनविजिलेटर सील खोलकर बच्चों को देते हैं प्रश्न पत्र
सीबीएसई पेपर लीक मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने CBSE के एग्जामिनेशन कंट्रोलर को समन किया. चार घंटे तक पूछताछ की है. बताया जा रहा है कि CBSE परीक्षा को लेकर किस तरह के सिक्योरिटी फ़ीचर्स अपनाती है. पेपर की प्रिंटिंग कहां होती है? एग्जामिनेशन सेंटर तक पेपर कैसे भेजे जाते हैं? लीक की ख़बर मिलते ही CBSE ने क्या क़दम उठाए?

इसके अलावा पुलिस सूत्रों का कहना है कि करीब 1,000 छात्रों को लीक पेपर मिले. पहले लीक पेपर के लिए 35,000 रुपये लिए गए थे. बाद में कुछ अभिभावकों ने इसे 5,000 रुपये में दूसरे को बेचा.

CBSE की दसवीं और बारवीं बोर्ड की परीक्षा के पेपर लीक होने से लाखों छात्रों का नुकसान हुआ है. पीएम मोदी इससे काफी नाराज हुए और लगातार महीने भर से आ रहीं पेपर लीक की खबरों के बावजूद पहली बार केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर मीडिया के जरिए लोगों के सामने आए और मामले पर सफाई दी.

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