
- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी में बारह और अट्ठाईस प्रतिशत वाले स्लैब पूरी तरह समाप्त करने की घोषणा की
- अब जीएसटी में केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो टैक्स स्लैब ही लागू रहेंगे, जिससे आम जनता को राहत मिलेगी
- सीमेंट सहित कई आवश्यक वस्तुओं पर टैक्स कम होकर अट्ठारह प्रतिशत हो गया है, जिससे घर बनाने की लागत घटेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार रात को ऐलान किया कि जीएसटी में से 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब्स को पूरी तरह से खत्म किया जा रहा है. इसका मतलब ये है कि अब जीएसटी में केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत वाले टैक्स स्लैब ही रह गए हैं और ऐसे में लोगों को बड़ी राहत मिली है. साथ ही ऐसे में अब आम जनता या फिर मिडल क्लास लोगों के लिए घर बनाना भी आसान हो जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि सीमेंट पर पहले 28 प्रतिशत जीएसटी लगता था लेकिन अब 28 प्रतिशत के टैक्स स्लैब के खत्म होने के बाद सीमेंट पर केवल 18 प्रतिशत ही जीएसटी लगेगा.
आम जनता के लिए मोदी सरकार का यह फैसला राहत की सांस लेकर आया है और अब क्योंकि सीमेंट पर कम जीएसटी लगेगा तो लोगों के लिए घर बनाने की लागत भी पहले के मुकाबले कम हो जाएगी. ऐसे में लोगों के लिए यह काफी राहत की बात है.
इन चीजों पर भी कम हुआ जीएसटी
हेयर ऑयल, शैंपू, टूथपेस्ट, टूथब्रश, शेविंग क्रीम, बटर, घी, चीज, डेयरी स्प्रैड
- पैकेज्ड नमकीन, भुजिया मिक्स्चर, बर्तन, बच्चों की दूध पीने की बोतल, नैपकिन, डायपर
- सिलाई मशीन और इसके पुर्जे
- हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस (18 प्रतिशत से जीएसटी घटकर जीरो हुआ)
- थर्मामीटर, मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन, डाइग्लोनस्टिक किट, ग्लूकोमीटर, टेस्ट स्ट्रिप्स
- मैप, चार्ट, ग्लोब, पेंसिल, शॉर्पनर, कलर्स, बुक और नोटबुक, इरेजर (जीएसटी शून्य किया गया)

वित्त मंत्री ने कहा, "28 फीसदी वाले जीएसटी स्लैब को 18 फीसदी किया गया है. इससे मध्यम वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. अब सभी टीवी की खरीद पर 18 फीसदी देना होगा. थ्री व्हीलर भी 18 फीसदी के दायरे में होगा. छोटी कारों की खरीद पर भी 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. सभी ऑटो पार्टस पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा. पाउडर दूध और पिज्जा ब्रेड पर जीरो टैक्स लगेगा. खाद पर 18 फीसदी की जगह 5 फीसदी टैक्स लगेगा. कोल्ड ड्रिंक पर 40 फीसदी जीएसटी लगेगा. खाने के तेल पर 5 फीसदी जीएसटी लगेगा."
निर्मला सीतारमण की घोषणा की अहम बातें
- 22 सितंबर से नई दरें होंगी लागू
- 12% और 28% टैक्स स्लैब को हटाए जाने से सरकार को लगभग 93,000 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा होगा.
- परिषद की ओर से दो टैक्स स्लैब 5 और 18 प्रतिशत को मंजूरी मिली है.
- सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया है.
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