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This Article is From Mar 19, 2023

भारत में भाजपा को मजबूत करने के लिए इतिहास नीतीश कुमार को याद रखेगा : असदुद्दीन ओवैसी

2022 में लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने असदुद्दीन ओवैसी के चार विधायकों को अपने पाले में कर लिया. कोचाधामन के मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट के शाहनबाज आलम, बायसी के रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के अंजार नइमी राजद में शामिल हो गए थे.

भारत में भाजपा को मजबूत करने के लिए इतिहास नीतीश कुमार को याद रखेगा : असदुद्दीन ओवैसी
ओवैसी ने कहा कि भारत में भाजपा को मजबूत करने के लिए इतिहास नीतीश कुमार को याद रखेगा.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi)ने आज पूर्णिया में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा हमला बोला है. आज एक जनसभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि भारत में भाजपा को मजबूत करने के लिए इतिहास नीतीश कुमार को याद रखेगा. जब गुजरात जल रहा था, तब वे रेल मंत्री थे. अगर उन्हें लगता है कि मजलिस (एआईएमआईएम) मुसलमानों की पार्टी है, तो उन्हें याद रखना चाहिए कि वह कुर्मी और कुशवाहा से आगे नहीं बढ़ सकते.

राजद ने तोड़े थे विधायक
आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी लगातार अपनी पार्टी को बिहार में मजबूत करने की कोशिश में लगे हुए हैं. बिहार में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी के पांच विधायक चुनकर आए थे. मगर 2022 में लालू यादव की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने उनके चार विधायकों को अपने पाले में कर लिया. कोचाधामन के मुहम्मद इजहार अस्फी, जोकीहाट के शाहनबाज आलम, बायसी के रुकनुद्दीन अहमद और बहादुरगंज के अंजार नइमी राजद में शामिल हो गए थे. एआईएमआईएम के बिहार प्रदेश अध्यक्ष अख्तरुल ईमान ने ओवैसी का साथ नहीं छोड़ा है. अब वो बिहार में AIMIM के इकलौते विधायक रह गए हैं. ऐसा माना जाता है कि यह सब नीतीश कुमार के इशारे पर हुआ था. भाजपा का दावा था कि नीतीश कुमार राजद को विधानसभा में सबसे बड़ा दल बनाना चाहते थे, जिससे भाजपा को छोड़ने के बाद वह राजद के साथ मिलकर सरकार बना सकें और राज्यपाल सबसे बड़ा दल होने के कारण भाजपा को मौका न दे पाएं. 

सत्ता परिवर्तन की शुरूआत यहीं से
आपको बता दें AIMIM विधायकों के राजद में शामिल होने के बाद विधानसभा में आरजेडी विधायकों की संख्या 80 हो गई और वह बिहार में सबसे बड़ी पार्टी बन गई. पहले 77 विधायकों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी थी. बिहार विधानसभा में अब राजद के 80, बीजेपी के 77 और नीतीश कुमार के 43 विधायक हैं. इसके बाद ही बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ. पिछले चुनावों में AIMIM ने बिहार में औऱ वो भी मुस्लिम-बहुल सीमांचल में पहली बार अपनी दमदार मौजूदगी का एहसास करवाया था. सीमांचल के 24 सीटों पर महागठबंधन के जीतने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन इन 24 में पांच सीटों पर AIMIM ने कब्जा जमा कर महागठबंधन को अच्छा खासा झटका दिया था. इसके अलावा कई सीटें ऐसी भी थी, जहां AIMIM के चलते RJD नीत महागठबंधन को बड़ा घाटा हुआ था और करीब 11 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था. 

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