हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव (Himachal Pradesh Assembly Election 2022) के लिए 12 नवंबर को वोटिंग होनी है. इस राज्य में कांग्रेस अब तक कमजोर मानी जा रही थी, लेकिन पुरानी पेंशन योजना (OPS) के दांव ने उसे एजेंडा दे दिया है. मतदान से पहले ओपीएस के मुद्दे पर हर तरफ चर्चा हो रही है. कहा जा रहा है कि हिमाचल चुनाव में पुरानी पेंशन स्कीम का मुद्दा निर्णायक हो सकता है. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक राज्य में 2 लाख सरकारी कर्मचारी आागामी चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.
NDTV ने ऐसे ही कुछ सरकारी कर्मचारियों से बात की और ओपीएस पर उनका रुख जाना. हिमाचल के सरकारी कर्मचारियों का कहना है, 'पीएम मोदी का चेहरा हमें रोटी नहीं देगा. हमें रिटायरमेंट के बाद घर चलाने के लिए पेंशन की जरूरत होगी. ऐसे में हम सभी चाहते हैं कि ओपीएस को दोबारा लागू किया जाना चाहिए.'
कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में पुरानी पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया है. इसके अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ जैसे अपनी सत्ता वाले राज्यों में कांग्रेस ने ओपीएस स्कीम को लागू भी किया है. ऐसे में वह लगातार दोहरा रही है कि हम सत्ता में आते ही राज्य में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू कर देंगे. अब इसे लेकर बीजेपी पर दबाव है. सीएम जयराम ठाकुर ने सरकारी कर्मचारियों की मांगों पर विचार करने की बात कही है, लेकिन पुरानी स्कीम लागू करने का स्पष्ट ऐलान अब तक नहीं किया गया है. वहीं, सरकारी कर्मचारी ओपीएस को दोबारा लागू करने की मांग कर रहे हैं.
पुरानी पेंशन की बहाली के लिए मुहीम चला रहे संगठन NPSE की सदस्य और सरकारी टीचर पूजा सभरवाल बताती हैं, 'मौजूदा सियासत को देखते हुए जाहिर तौर पर कहा जा सकता है कि पुरानी पेंशन योजना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है. चाहें पक्ष हो या विपक्ष.. किसी भी मंच पर हो... वो पुरानी पेंशन योजना की ही बात कर रहे हैं.'
पुरानी पेंशन योजना एनपीएस से बेहतर क्यों? इस सवाल के जवाब में पूजा कहती हैं, ' 2003 के पहले तक सरकारी नौकरियों में ओपीएस लागू होता था. उसमें आपकी लास्ट सैलरी का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर मिलता था. जिससे रिटायरमेंट के बाद उनका गुजर बसर चलता था. लेकिन 2003 के बाद कर्मचारियों को एनपीएस में डाल दिया गया. इससे लाभ कम हो गए. इसलिए हम पुरानी पेंशन स्कीम को दोबारा से लागू कराना चाहते हैं.'
वहीं, एक रिटायर्ड कर्मचारी ने नई पेंशन स्कीम को गलत बताते हुए कहा, 'मैं रिटायर हूं और पुरानी पेंशन स्कीम के तहत हर महीने रकम मिलती है. लेकिन नई पीढ़ी की सुरक्षा भी जरूरी है. इसलिए पुरानी पेंशन स्कीम एक मुद्दा है.'
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने वादा किया है कि राज्य में अगर उनकी सरकार बनती है तो वो पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करेंगे. पंजाब में बनी आम आदमी पार्टी की सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया है. इसके अलावा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकारों ने भी अपने-अपने राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया है.
इस साल की शुरुआत में हुए उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भी पुरानी पेंशन योजना के मुद्दे को तमाम विपक्षी राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से उठाया था. कर्मचारी इसे लागू करने की मांग को लेकर सड़कों पर भी उतरे थे.
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