हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 78 हुई, भारी बारिश का पूर्वानुमान

राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 24 जून को हुई मॉनसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 338 लोगों की मौत हुई है जबकि 38 लोग लापता हैं. 

हिमाचल प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में मृतकों की संख्या बढ़कर 78 हुई, भारी बारिश का पूर्वानुमान

11,600 घरों को पूर्ण या आंशिक रूप से क्षति पहुंची है और करीब 560 सड़कें अब भी अवरुद्ध हैं. (प्रतीकात्‍मक)

शिमला :

हिमाचल प्रदेश के शिमला में शिव मंदिर के मलबे से एक और शव बरामद होने के बाद राज्य में बारिश से जुड़ी घटनाओं में जान गंवाने वाले लोगों की संख्या शनिवार को बढ़कर 78 हो गई. अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय मौसम विभाग ने अगले दो दिन के दौरान भारी बारिश का पूर्वानुमान व्यक्त करते हुए ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है. अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान ईश शर्मा (28) के रूप में हुई है जबकि उनके पिता पी एल शर्मा का शव बृहस्पतिवार को बरामद हुआ था, जो हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में गणित विभाग के अध्यक्ष थे. 

शिमला के पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने शनिवार को को बताया कि प्रदेश में रविवार रात से हुई 78 मौतों में से 24 मौतें अकेले शिमला में तीन बड़े भूस्खलनों के कारण हुईं. उन्होंने बताया कि इनमें से 17 लोगों की मौत समर हिल के शिव मंदिर में हुई, जबकि फागली में पांच लोगों की और कृष्णानगर में दो लोगों की जान चली गई. 

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, पुलिस और होम गार्ड द्वारा चलाए जा रहे संयुक्त अभियान में भूस्खलन के मलबे से शवों को निकालने का प्रयास किया जा रहा है. मंदिर के मलबे में कम से कम तीन लोगों के अब भी दबे होने की आशंका है. 

उन्होंने बताया कि शिमला में उच्च खतरे वाले क्षेत्रों की पहचान करने और भूस्खलन संभावित स्थानों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है. 

राज्य आपातकालीन अभियान केंद्र के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 24 जून को हुई मॉनसून की शुरुआत के बाद से बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में 338 लोगों की मौत हुई है जबकि 38 लोग लापता हैं. 

इसने कहा कि 338 मृतकों में से 221 लोगों की मृत्यु बारिश संबंधित घटनाओं में हुई है. 

आपातकालीन केंद्र की ओर से बताया गया कि 11,600 घरों को पूर्ण या आंशिक रूप से क्षति पहुंची है और करीब 560 सड़कें अब भी अवरुद्ध हैं. वहीं, 253 ट्रांसफार्मर तथा 107 जल आपूर्ति योजनाएं बाधित हैं. 

हालांकि, उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कांगड़ा जिले के इंदौरा और फतेहपुर विधानसभा क्षेत्रों के बाढ़ प्रभावित इलाकों में नुकसान का आकलन करते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश को 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. इसमें 350 लोगों की जान चली गई और 50 लोग अभी भी लापता हैं. 

स्थानीय मौसम कार्यालय ने 20 एवं 21 अगस्त के लिए भारी से बहुत भारी बारिश के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट' जारी किया है जबकि 22 एवं 23 अगस्त के लिए भारी बारिश को लेकर ‘येलो अलर्ट' जारी किया है. मौसम कार्यालय ने चेतावनी दी है कि शिमला, सिरमौर और चंबा जिलों में अचानक बाढ़ आने का खतरा है. 

मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि भारी बारिश के कारण भूस्खलन, अचानक बाढ़ और नदियों तथा नालों के जलस्तर में बढ़ोतरी हो सकती है. इसके अलावा, फसलों को नुकसान पहुंच सकता है. 

अग्निहोत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने इस आपदा को केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है. उन्होंने बताया कि राज्य में यह त्रासदी पिछले 50 वर्षों में सबसे अधिक विनाशकारी है. 

उपमुख्यमंत्री ने बताया कि प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, जल शक्ति विभाग को 2,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है. 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)