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This Article is From Apr 21, 2018

आसाराम प्रकरण : फैसला आने से पहले पीड़िता के घर की सुरक्षा चाक चौबंद

आसाराम को 2012 के बलात्कार मामले में जोधपुर की विशेष अदालत की तरफ से आगामी 25 अप्रैल को फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है.

आसाराम प्रकरण : फैसला आने से पहले पीड़िता के घर की सुरक्षा चाक चौबंद
आसाराम (फाइल फोटो)
नई दिल्ली: आसाराम को 2012 के बलात्कार मामले में जोधपुर की विशेष अदालत की तरफ से आगामी 25 अप्रैल को फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर पीड़िता के घर के आसपास सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है. पुलिस अधीक्षक (नगर) दिनेश त्रिपाठी ने शनिवार को बताया कि पीड़िता के परिवार वालों की लगातार निगरानी की जा रही है. उसके घर पर पांच पुलिसकर्मी तैनात किये गए हैं. सभी आने जाने वालों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. 

त्रिपाठी ने कहा कि फैसले के मद्देनजर खुद ही सुरक्षा की नियमित समीक्षा कर रहे हैं. अधिकारी परिवार वालों के संपर्क में हैं. पीड़िता के पिता ने कहा कि उनकी न्यायपालिका में पूरी आस्था है और उन्हें इस बात का यकीन है कि न्याय मिलेगा. 

इस महीने की शुरूआत में जोधपुर अदालत के न्यायमूर्ति मधुसूदन शर्मा ने अभियोजन और बचाव पक्ष के वकीलों की अंतिम बहस सुनी और आदेश 25 अप्रैल के लिए सुरक्षित कर दिया. 

आसाराम बापू पर एक किशोरी ने जोधपुर के निकट मनई गांव के आश्रम में यौन उत्पीडन करने का आरोप लगाया है. किशोरी उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली है और जिस समय आश्रम में रह रही थी, वह छात्रा थी. 

आसाराम 31 अगस्त 2013 से जेल में हैं.  उन पर पाक्सो एक्ट और अनुसूचित जाति एवं जनजाति (अत्याचार की रोकथाम) कानून की धाराएं लगायी गयी हैं. आसाराम पर गुजरात में भी बलात्कार का एक मामला है. 

इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने राजस्थान और गुजरात के मामलों में आसाराम को जमानत देने से इंकार कर दिया था. सूरत की दो बहनों ने आसाराम और उनके बेटे नारायण साई के खिलाफ अलग अलग शिकायतें दर्ज कराके बलात्कार और बंधक बनाने का आरोप लगाया है. 


(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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