मेघालय में हो रही लगातार बारिश से जनजीवन ठप हो गया है (प्रतीकात्मक चित्र)
शिलांग:
बादलों की घर मेघालय में मार्च-अप्रैल से बारिश की शुरूआत हो जाती है. इस बार शुरूआत में ही बारिश ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है. राज्य में पिछली रात से भारी बारिश के चलते दक्षिण-पश्चिम गारो हिल्स जिले के निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है.राज्य के मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने जिले के अधिकारियों को प्रभावित परिवारों को राहत सामग्री देने के निर्देश दिए हैं.
लाधिकारी सिरिल दींगदोह ने बताया कि अभी तक किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन लगभग 20 लोगों को बाढ़ के कारण विस्थापित होना पड़ा हैं. उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों को सिल्कोना गांव में एक स्कूल में ठहराया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ से कुछ क्षेत्रों की कृषि भूमि, सड़कें और मछली के तालाबों को नुकसान पहुंचा है.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपने अधिकारियों और ग्राम सेवकों को इस क्षेत्र में वास्तविक स्थिति का पता लगाने और राहत शिविरों की तैयारियों के लिए लगाया है. इस बाढ़ से जिकजैक समुदाय और ग्रामीण विकास खंड जैसे सिलकोना, नंदिरचार, बेपरीपारा, हृदयपुर, दसपारा, पटेलीपारा और न्यू कलाईचर के निचले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
लाधिकारी सिरिल दींगदोह ने बताया कि अभी तक किसी जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन लगभग 20 लोगों को बाढ़ के कारण विस्थापित होना पड़ा हैं. उन्होंने कहा कि विस्थापित लोगों को सिल्कोना गांव में एक स्कूल में ठहराया गया है. जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ से कुछ क्षेत्रों की कृषि भूमि, सड़कें और मछली के तालाबों को नुकसान पहुंचा है.
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपने अधिकारियों और ग्राम सेवकों को इस क्षेत्र में वास्तविक स्थिति का पता लगाने और राहत शिविरों की तैयारियों के लिए लगाया है. इस बाढ़ से जिकजैक समुदाय और ग्रामीण विकास खंड जैसे सिलकोना, नंदिरचार, बेपरीपारा, हृदयपुर, दसपारा, पटेलीपारा और न्यू कलाईचर के निचले इलाके सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
(इनपुट आईएएनएस से भी)
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