हाथरस में मचे भगदड़ में अब तक 123 लोगों की मौत हो चुकी है. अभी भी कई ऐसे लोग हैं जिनकी हालत गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है. इन सब के बीच इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. इस हादसे में जिन लोगों ने अपनों को खोया है वो घटना को लेकर 'भोले बाबा' की चुप्पी पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. अपनों की तलाश में पीड़ित परिजन एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं. परिजनों के लिए इस हादसे में जान गंवाने वाले अपनों को ढूंढ़ निकालना एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. अपनों की तलाश में एक जिले से दूसरे जिले भटक रहे लोगों में बाबा के प्रति गुस्सा देखने को मिल रहा है. उनका कहना है कि अगर सत्संग के दौरान व्यवस्था को और बेहतर किया जाता तो शायद इतना बड़ा हादसा टाला जा सकता था.
अभी भी कई लोग हैं लापता
उर्मिला देवी भी उन भक्तों में से एक हैं जो मंगलवार को भोले बाबा के सत्संग में शामिल होने हाथरस आई थीं. इस दौरान उनके साथ उनकी पोती भी थी. अब उर्मिला अपनी पोती की तलाश के लिए एक शहर से दूसरे शहर और एक अस्पताल से दूसरे अस्पतालों के चक्कर लगा रही हैं. NDTV ने जब उर्मिला देवी से बात की तो उनके आंसू छलक गए. उन्होंने हमें बताया कि जिस समय सत्संग के बाद भगदड़ मची उस दौरान मेरी पोती मेरे साथ थी.
"लोग यहां से वहा भाग रहे थे"
सत्संग के खत्म होने के बाद वहां जितने लोग थे उनमें सबको जल्दी थी. सब लोग यहां से वहां भाग रहे थे. मुझे भी भीड़ में धक्का लगा था, मैं गिर गई थी लेकिन इससे पहले की लोग मुझे रौंदते हुए निकले, मुझे किसी दूसरी औरत ने उठा लिया. लेकिन मेरी पोती मुझसे बिछड़ गई थी. भीड़ इतनी ज्यादा थी कि मैं उसे ढूंढ़ नहीं पा रही थी. लोग यहां से वहां भाग रहे थे सिर्फ. मेरी पोती 16 साल की है. मैं अपनी पोती को एटा से सिकंदराराऊ तक ढूंढ़ कर आई हूं. अब मैं हाथरस के अस्पताल में उसे ढूंढ़ने आई हूं. मैं पूरी-पूरी रात अपनी पोती को एक अस्पताल से दूसरे अस्तपाल में ढूंढ़ रही हूं.
बाबा के प्रति लोगों में है गुस्सा
पुलिस के अनुसार सत्संग के दौरान भगदड़ी उस वक्त मची जब भोले बाबा सत्संग खत्म करने के बाद जा रहे थे. पुलिस के अनुसार इसी दौरान कुछ भक्तों ने बाबा से मिलने और उनके दर्शन करने की कोशिश की लेकिन जब बाबा के सेवादार ने उन लोगों को रोका और उनके साथ धक्कामुक्की की तो वहां भगदड़ सी मच गई.
इस घटना को अब दो दिन हो चुके हैं लेकिन अभी तक बाबा सामने नहीं आया है. अभी भी कई भक्त ऐसे हैं जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. अब इन भक्तों के अंदर बाबा को लेकर गुस्सा दिख रहा है. इस घटना में घायल ऐसे ही एक भक्त ने कहा कि अगर बाबा के पास कुछ विशेष शक्ति होती तो वह हमारी भी फिक्र करते. उन्हें यहां हमारे सामने आकर हमारे कष्ट को दूर करना चाहिए था.
वहीं, हाथरस के रहने वाले बिनोद ने अपने घर पर 'भोले बाबा' के पोस्टर फाड़ दिए हैं. इस हादसे में उसे छोड़कर उसके परिवार में अब कोई नहीं बचा है. इस भगदड़ के दौरान बिनोद की मां जया, पत्नी राजकुमारी और बेटी भूमि की मौत हो गई. बिनोद ने रोते हुए कहा कि मैं बाहर था, मुझे शाम को भगदड़ के बारे में पता चला. जब मैं घर आया तो मुझे पता चला कि इस भगदड़ में मेरा पूरा परिवार खत्म हो चुका है.
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