वाराणसी के ज्ञानवापी मामले (Gyanvapi case) में हिन्दू पक्ष की तरफ से एक और याचिका जिला कोर्ट में दाखिल की गई है. हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई है कि व्यास जी के तहखाने की छत वाले मस्ज़िद के हिस्से पर किसी का भी प्रवेश रोका जाए. साथ ही तहखाने की छत पर नमाज़ पढ़ने पर भी रोक लगाई जानी चाहिए. अपनी याचिका में हिन्दू पक्ष ने दावा किया है कि 500 साल पुरानी छत होने से छत का हिस्सा जर्जर है. हिन्दू पक्ष ने मरम्मत की भी मांग कोर्ट से की है. याचिका में सुरक्षा और आस्था का हवाला दिया गया है. ये याचिका हिन्दू पक्ष से वादी डॉ राम प्रसाद सिंह ने दाखिल की है. इस पर दोपहर 2.30 बजे जिला जज की कोर्ट में सुनवाई होगी.
हिन्दू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की कैविएट याचिका
बता दें कि इससे पहले खबर आई थी कि हिन्दू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. सुप्रीम कोर्ट में हिन्दू पक्ष ने कैविएट याचिका दाखिल की है. दरअसल, हाईकोर्ट के फैसले पर कैविएट याचिका दायर की गई है. हिन्दू पक्ष का कहना है कि अगर इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट आता है तो हमारा पक्ष भी सुना जाए. दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी. हाईकोर्ट ने कहा था कि. व्यासजी तहखाने में पूजा जारी रहेगी. अब इस मामले में मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट का रुख कर सकता है. ऐसे में हिन्दू पक्ष सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. वहां हिन्दू पक्ष ने कैविएट याचिका दायर की है. हिन्दू पक्ष का कहना है कि अगर मुस्लिम पक्ष सुप्रीम कोर्ट आता है तो हमारी बात भी सुनी जाए.
मुलायम सिंह यादव की सरकार में किया था तहखाने को सील
व्यास जी का तहखाना के नाम से मशहूर इस स्थान को 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद सील कर दिया गया था. विध्वंस के तुरंत बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस्तीफा दे दिया था. अगले साल विधानसभा चुनाव में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सरकार बनी. राज्य सरकार ने तब कानून और व्यवस्था की चिंताओं का हवाला दिया और तहखाने वाले 'मंदिर' को सील कर दिया गया. इसके बाद से ये बंद था. हाल ही में कोर्ट के आदेश के बाद हिन्दू पक्ष को यहां पूजा का अधिकार दिया गया है.
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