हरियाणा ने नूंह और गुरुग्राम में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद गुरुग्राम में हुई महापंचायत के बाद निकाले गए जुलूस के दौरान हिंदू परिवारों और दुकानदारों से मुसलमानों के बहिष्कार के आह्वान के खिलाफ दायर अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. शाहीन अब्दुल्ला ने हेट स्पीच मामले में ये अर्जी दायर की है.
याचिकाकर्ता के वकील कपिल सिब्बल ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली संविधान पीठ के समक्ष मामले पर जल्द सुनवाई की मांग की थी. सिब्बल ने कहा था कि गुरुग्राम में बहुत ही गंभीर बात हुई है.
पूरे मामले में कहा गया है कि यदि आप एक खास समुदाय के लोगों को अपनी दुकान या संस्थान में कर्मचारी के तौर पर रखेंगे, तो आप सभी 'गद्दार' होंगे. इसलिए इस गंभीर मुद्दे पर हमने एक याचिका दाखिल की है.
अर्जी के साथ मध्यप्रदेश के सागर जिले में चार अगस्त का एक वीडियो भी दिया है जिसमें विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) नेता पुलिस की मौजूदगी में खुलेआम धमकी दे रहा है. इसके अलावा पंजाब के फाजिल्का में बजरंग दल के नेता का छह अगस्त को दिया गया भाषण भी कोर्ट को सौंपा गया है.
उक्त भाषण में इस साल फरवरी में दो लोगों नासिर और जुनैद की हत्या को जायज ठहराया जा रहा है. कहा गया है कि ऐसे भाषण और जुलूस उन क्षेत्रों में ही हो रहे हैं जो पहले ही तनाव में रह रहे हैं. याचिकाकर्ता ने संबंधित राज्य सरकारों को ऐसे लोगों और संगठनों पर लगाम लगाने के लिए समुचित उपाय करने का आदेश दिए जाने की अपील की है.
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