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This Article is From Mar 01, 2017

गुरमेहर कौर के दादा का दर्द छलका- मुझे अपनी पोती की चिंता नहीं, अधिक से अधिक वे इसे मार ही देंगे ना

गुरमेहर कौर के दादा का दर्द छलका- मुझे अपनी पोती की चिंता नहीं, अधिक से अधिक वे इसे मार ही देंगे ना
गुरमेहर कौर मामले पर शशि थरूर ने जताई वीरेंद्र सहवाग के बयान पर निराशा
नई दिल्ली: गुरमेहर कौर मामले में को लेकर मचे इस बवाल के बीच उनके दादा खुलकर अपनी पोती के समर्थन में आए हैं. गुरमेहर के दादा कंवलजीत सिंह ने गुरमेहर का बचाव किया है और कहा कि मेरी पोती ने ऐसी कोई बात नहीं की जो देश के खिलाफ हो. बकौल कंवलजीत उनकी पोती सिर्फ 21 साल की है और लोग जाने क्या-क्या बहस कर रहे हैं. एक सांसद और एक मंत्री ने भी बोल दिया कि ये देशद्रोह का काम है. उन्होंने कहा-मुझे अपनी पोती की चिंता नहीं है. अधिक से अधिक वे इसे मार ही देंगे ना. पहले भी अपना बेटा करगिल युद्ध के दौरान खो चुका हूं. मेरा बेटा 26 दुश्मनों को मारने के बाद शहीद हुआ था. जब यह घटना हुआ थी उस वक्त भी सरकार बीजेपी की थी. हमसे कई तरह के वादे किए गए थे जो पूरे नहीं हुए और आज जब मेरी पोती को लेकर विवाद खड़ा किया जा रहा है तब भी सरकार बीजेपी की है.

कंवलजीत सिंह ने एनडीटीवी से खास बातचीत में कहा कि गृहराज्यमंत्री किरेन रिजीजू ने गुरमेहर को लेकर बहुत गलत बयान दिए हैं. उन्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए. हमें बहुत तकलीफ हुई. काम सही होना चाहिए चाहे वह कांग्रेस की सरकार हो या बीजेपी की. जब से बीजेपी ने सर्जिकल स्ट्राइक की है तबसे कितने जवान शहीद हुए हैं. क्या ये एक के बदले दस सिर लाए हैं. दादा ने गुरमेहर की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने बताया कि चार बॉडीगार्ड दिए हैं, लेकिन सिक्योरिटी वाले भी उन्हीं के आदमी है. मैं चाहता हूं कि सब कुछ शांत हो जाए. विश्वविद्यालयों में जो झगड़े हो रहे हैं, वे नहीं होने चाहिए.

इस मामले में अब कांग्रेस के नेता शशि थरूर का बयान सामने आया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया शेयर की है जिसमें उन्होंने लिखा है कि मैं अपने क्रिकेट के हीरो वीरेंद्र सहवाग की इस मामले को लेकर की गई टिप्पणी से बेहद निराश हूं. गौरतलब है कि वीरेंद्र सहवाग ने कहा था कि मैंने दो तिहरे शतक नहीं लगाए हैं, बल्कि मेरे बैट ने लगाए हैं. वीरेंद्र सहवाग ने यह टिप्पणी गुरमेहर के उस स्टेटस पर की थी, जिसमें गुरमेहर ने कहा था कि उनके पिता की हत्या पाकिस्तान ने नहीं की, बल्कि युद्ध ने की. दरअसल, गुरमेहर के पिता करगिल के युद्ध में शहीद हुए थे.


इससे पहले मंगलवार को दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा गुरमेहर कौर ने एबीवीपी के खिलाफ विरोध मार्च से हटते हुए उन्हें अकेले छोड़ देने का अनुरोध किया और वह अपने परिवार के पास जालंधर चली गईं. एबीवीपी के खिलाफ अपने सोशल मीडिया अभियान को लेकर विवाद छिड़ने के बीच उनका यह फैसला आया. उनके अभियान के चलते उन्हें बलात्कार की कथित धमकियां मिलीं. यहां तक कि केंद्रीय मंत्री भी विवाद में कूद पड़े.

लेडी श्री राम कॉलेज की छात्रा कौर ने सिलसिलेवार ट्वीट में अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि उन्होंने काफी कुछ झेला है और ‘20 साल की उम्र में मैं इतना ही बर्दाश्त कर सकती हूं.’ इससे पहले कौर ने लोगों से अनुरोध किया था कि यदि शहीद की बेटी के रूप में उनकी पहचान से लोगों को परेशानी हो रही है तो वे इस रूप में उन्हें नहीं पहचाने. वह कैप्टन मंदीप सिंह की बेटी हैं. सिंह जम्मू कश्मीर में 1999 में एक आतंकवादी हमले में मारे गए थे. दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की एक अधिकारी ने बताया, ‘वह अपने परिवार के पास जालंधर चली गई हैं.’ दिल्ली पुलिस ने जालंधर पुलिस से उन्हें पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करने का अनुरोध किया है.

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