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गुजरात ने बढ़ाई ‘मेक इन इंडिया’ की रफ्तार, 15 वर्षों में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग 22 गुना बढ़ा

गुजरात के औद्योगिक उत्कर्ष और नवाचार की भावना को समर्पित है. पिछले 24 वर्षों में मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात देश के औद्योगिक विकास इंजन के रूप में उभरा है. विशेष रूप से 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में शुरू हुई विभिन्न पहलों ने गुजरात को भारत का प्रमुख ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बना दिया है.

गुजरात ने बढ़ाई ‘मेक इन इंडिया’ की रफ्तार, 15 वर्षों में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग 22 गुना बढ़ा
(फाइल फोटो)
  • नरेंद्र मोदी ने 7 अक्टूबर 2001 को गुजरात के CM पद की शपथ लेकर राज्य में प्रशासनिक जनसेवा की यात्रा शुरू की थी
  • गुजरात ने 2008-09 से 2022-23 के बीच मोटर वाहन उत्पादन में 22 गुना वृद्धि कर 71,425 करोड़ रुपए का उत्पादन किया
  • मेक इन इंडिया के तहत गुजरात ने 2015-16 से 2022-23 में ऑटोमोटिव विनिर्माण क्षेत्र में बारह गुना वृद्धि हासिल की
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गांधीनगर:

7 अक्टूबर 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेकर प्रशासनिक जनसेवा की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत की थी, जो इस साल 24 वर्ष पूरे कर रही है. इस गौरवशाली अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात सरकार 7 से 15 अक्टूबर तक राज्यव्यापी ‘विकास सप्ताह' उत्सव मना रही है जिसके तहत 10 अक्टूबर को ‘उद्योग साहसिक दिवस' के रूप में मनाया जाएगा. जो गुजरात के औद्योगिक उत्कर्ष और नवाचार की भावना को समर्पित है. पिछले 24 वर्षों में मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में गुजरात देश के औद्योगिक विकास इंजन के रूप में उभरा है. विशेष रूप से 2009 में तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में शुरू हुई विभिन्न पहलों ने गुजरात को भारत का प्रमुख ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरिंग हब बना दिया है.

पिछले 15 सालों में 24.84% के CAGR के साथ गुजरात ने ऑटो सेक्टर में लगाई ऊंची छलांग

भारत सरकार के वार्षिक औद्योगिक सर्वेक्षण (ASI) के अनुसार, गुजरात में मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर का उत्पादन वर्ष 2008-09 में लगभग ₹3,200 करोड़ था, जो 2022-23 में बढ़कर ₹71,425 करोड़ के अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुँच गया, यह लगभग 22 गुना वृद्धि दर्शाता है. इस उपलब्धि ने 24.84% की उल्लेखनीय वार्षिक चक्रवृद्धि वृद्धि दर (CAGR) दर्ज की है, जो ऑटोमोबाइल सेक्टर में गुजरात की सफल यात्रा का प्रमाण है. 

“मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” से गुजरात को मिली नई उड़ान, 7 वर्षों में 12 गुना वृद्धि

वर्ष 2014 में शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान की सबसे बड़ी सफलता कहानियों में से एक गुजरात की रही है, जिसने इस दृष्टि को अटूट प्रतिबद्धता के साथ साकार किया है. वर्ष 2015-16 से 2022-23 के बीच गुजरात के मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर विनिर्माण क्षेत्र में 12 गुना की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज हुई है. इस अवधि में विनिर्माण उत्पादन ₹5,836 करोड़ से बढ़कर रिकॉर्ड ₹71,425 करोड़ तक पहुंच गयाथ, यह छलांग राज्य की औद्योगिक दक्षता, निवेश-अनुकूल माहौल और मजबूत औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र का सशक्त प्रमाण है.

कोविड के बाद गुजरात के ऑटो उद्योग ने दिखाई दमदार वापसी, उत्पादन हुआ दोगुना, 109% की वृद्धि

कोविड महामारी के बाद गुजरात के ऑटोमोबाइल विनिर्माण क्षेत्र ने उल्लेखनीय वापसी करते हुए सिर्फ दो वर्षों में अपना उत्पादन दोगुने से भी अधिक कर लिया. मोटर वाहन, ट्रेलर और सेमी-ट्रेलर श्रेणी के नवीनतम आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2020-21 के कोविड प्रभावित दौर में जहाँ उत्पादन ₹34,107 करोड़ था, वहीं 2022-23 में यह रिकॉर्ड स्तर ₹71,425 करोड़ पर पहुँच गया जो 109% की अभूतपूर्व वृद्धि को दर्शाता है.

एक्सपोर्ट पावरहाउस बना गुजरात: 2024-25 में ₹13,800 करोड़ मूल्य के ऑटो और ऑटो कंपोनेंट्स का विश्वभर में निर्यात

रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और विश्वस्तरीय बंदरगाह अवसंरचना के बल पर गुजरात ने वैश्विक ऑटोमोबाइल निर्यात में अपनी स्थिति और सुदृढ़ की है. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के DGCIS आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में राज्य ने लगभग ₹2,628 करोड़ के ऑटो कंपोनेंट्स/पार्ट्स और ₹11,172 करोड़ मूल्य के मोटर वाहन/कारों का निर्यात किया, कुल ₹13,799.79 करोड़, जो पिछले वर्ष की तुलना में 31.54% की प्रभावशाली वृद्धि है.

वित्त वर्ष 2024-25 में गुजरात ने 1,77,924 मोटर वाहन/कारें 102 देशों को निर्यात कीं, जिनमें दक्षिण अफ्रीका, जापान, सऊदी अरब, चिली, यूएई, मैक्सिको और कोलंबिया शामिल हैं. वित्त वर्ष 2023-24 में ₹2,764 करोड़ के ऑटो कंपोनेंट्स/पार्ट्स और ₹8,493 करोड़ के वाहन निर्यात के मुकाबले यह वृद्धि गुजरात के वैश्विक ऑटो निर्यात क्षितिज को नई ऊँचाई पर ले गई है.

साणंद और मांडल-बेचराजी: गुजरात के दो ‘ऑटोमोटिव हार्टलैंड'

पिछले डेढ़ दशक में गुजरात ने ऑटोमोबाइल विनिर्माण, ऑटो कंपोनेंट्स, लॉजिस्टिक्स और रिसर्च-डेवलपमेंट में व्यापक विस्तार किया है. सुजुकी, टाटा, हीरो कॉर्प और होंडा जैसी कंपनियों के साथ साणंद और मांडल–बेचराजी विशेष निवेश क्षेत्र (MBSIR) राज्य के प्रमुख ऑटो हब बन चुके हैं. साणंद में टाटा मोटर्स और जेबीएम जैसे दिग्गजों के साथ एक मजबूत ऑटो कंपोनेंट ईकोसिस्टम है, जबकि मांडल–बेचराजी अत्याधुनिक अवसंरचना और निर्यात-उन्मुख सुविधाओं से अंतरराष्ट्रीय ब्रांड्स को आकर्षित कर रहा है. ये केंद्र गुजरात को भारत की ‘ऑटोमोटिव हार्टलैंड' बनाने और प्रधानमंत्री मोदी के “मेक इन इंडिया” व “मेक फॉर द वर्ल्ड” विज़न में अहम भूमिका निभा रहे हैं.

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