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25 जून को हुए हादसे में एनडीआरएफ के नौ, आईटीबीपी के छह और भारतीय वायुसेना के पांच जवान शहीद हुए थे। वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर खराब मौसम की वजह से दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
देहरादून में आयोजित समारोह में केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और सेना प्रमुख बिक्रम सिंह की मौजूदगी में भारतीय वायुसेना के पांच, राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) के नौ और भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के छह जवान सम्मानित किए गए।
शिंदे ने कहा, 20 बहादुरों को गार्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित करना राष्ट्र की सेवा के लिए उनके महान बलिदान को याद करने का हमारी ओर से एक छोटा-सा कदम है। हम उन सभी के लिए प्रार्थना करते हैं, जिन्होंने अपना जीवन गंवा दिया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, बड़ी संख्या में लोग अब भी लापता हैं और उनके शव मलबे और कीचड़ में दबे होने की आशंका है। अब हमारा ध्यान उन्हें ढूंढने की ओर केंद्रित है। गृहमंत्री ने कहा कि बीमार, वृद्ध और विकलांग लोगों के अलावा महिलाओं को प्राथमिकता के आधार पर बाहर निकाला जाएगा। इनमें से अधिकतर लोग बद्रीनाथ इलाके में फंसे हुए हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि वायुसेना के हेलीकॉप्टर बचावकार्य के लिए अभी 15 और दिनों तक राज्य में रहेंगे।
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