जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक (GST Council Meet) में फूड डिलिवरी ऐप (Food Delivery App) को लेकर अहम फैसला लिया गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार शाम कहा कि ज़ोमैटो और स्विगी जैसे डिलिवरी ऐप जीएसटी कर वसूलेंगे. उन्होंने कहा कि रेस्टोरेंट के बजाय फूड डिलिवरी ऐप को जीएसटी या माल और सेवा कर का भुगतान करना होगा.
उत्तर प्रदेश के लखनऊ में जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार शाम कहा कि ज़ोमैटो और स्विगी जैसे फूड डिलिवरी ऐप को जीएसटी, या माल और सेवा कर का भुगतान करना होगा. वर्तमान में ये ऐप जीएसटी रिकॉर्ड में टीसीएस, या Tax Collected at Source के रूप में पंजीकृत हैं.
जीएसटी बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए, राजस्व सचिव तरुण बजाज ने स्पष्ट किया कि किसी भी नए कर की घोषणा नहीं की जा रही है. उन्होंने समझाया, "मान लीजिए आप एग्रीगेटर से खाना मंगवाते हैं... इस ट्रांजैक्शन में रेस्टोरेंट टैक्स दे रहा है. लेकिन हमने पाया कि कुछ रेस्टोरेंट भुगतान नहीं कर रहे थे. अब हम कह रहे हैं कि अगर आप ऑर्डर देते हैं तो एग्रीगेटर उपभोक्ता से वसूल करेगा और प्राधिकरण को भुगतान करेगा."
"कोई नया कर नहीं है..." बजाज ने कहा.
उन्होंने समझाया कि कुछ रिटर्न के विश्लेषण से कुछ रेस्टोरेंट की ओर से कर चोरी का पता चला है.
हरियाणा में डिलीवरी ऐप और कुछ रेस्टोरेंट सेवाओं द्वारा दाखिल किए गए रिटर्न के विश्लेषण से यह सामने आया है कि उन आपूर्तिकर्ताओं का टैक्सेबल टर्नओवर घोषित टर्नओवर से ज्यादा था जहां डिलीवरी ऐप द्वारा टीसीएस काटा गया था.
ऐसा माना गया है कि चोरी की रकम काफी ज्यादा है क्योंकि फूड डिलीवरी ऐप्स की सप्लाई वॉल्यूम ज्यादा है.
यह भी पढ़ेंः
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं