
- सितंबर 2025 में GST कलेक्शन 1.89 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया जो पिछले साल से 9.1% अधिक है
- GST 2.0 सुधारों के तहत 12% और 28% की दरों को खत्म कर चीजें 5% और 18% स्लैब में ट्रांसफर किया गया
- सितंबर में जीडीपी से जुड़ा रेवेन्यू 6.8% बढ़कर 1.36 लाख करोड़ रुपये हो गया है
भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बार फिर मजबूती के संकेत मिले हैं, क्योंकि GST का ग्रोस कलेक्शन सितंबर 2025 में बढ़कर 1.89 लाख करोड़ रुपये हो गया है. यह आंकड़ा पिछले साल के सितंबर 2024 के 1.73 लाख करोड़ के मुकाबले 9.1% ज्यादा है. यह लगातार नौवां महीना है जब जीएसटी कलेक्शन 1.80 लाख करोड़ रुपये के पार रहा है.
GST 2.0 सुधारों का प्रभाव
सितंबर के कलेक्शन में यह मजबूत उछाल इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह 22 सितंबर 2025 से लागू हुए GST रिफॉर्म के तुरंत बाद आया है. इन बड़े सुधारों के जरिए 12% और 28% की दरों को खत्म कर दिया गया था और ज्यादातर चीजों को 5% और 18% के नए स्लैब में ट्रांसफर कर दिया गया था.
सस्ती हुई कई वस्तुएं
इस बदलाव से किचन के सामान, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटोमोबाइल और कई दवाइयों सहित लगभग 375 वस्तुओं की कीमतें कम हुईं. इसका उद्देश्य त्योहारी सीजन से ठीक पहले उपभोग को बढ़ावा देना है.
भविष्य की उम्मीदें
जीएसटी कलेक्शन बढ़ने से ये पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियां तेज बनी हुई हैं. सरकार के रेवेन्यू में भी इजाफा हो रहा है. हालांकि जीएसटी सुधारों के जरिए टैक्स रेट का असर धीरे-धीरे सामने आएंगे, जिससे आने वाले महीनों में भी जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है. एक्सपर्ट का कहना है कि जीएसटी सुधारों से घरेलू मांग में तेजी आएगी, जिससे जीडीपी में ग्रोथ देखने को मिल सकती है. रिजर्व बैंक ने भी भारत की जीडीपी ग्रोथ को 6.5% से बढ़ाकर 6.8% कर दिया है.
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