नागरिकता कानून (Citizenship Amendment Act) और NRC के खिलाफ देश भर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच कांग्रेस ने विपक्षी दलों की दिल्ली में बैठक बुलाई. संसद भवन परिसर में हुई विपक्षी दलों की बैठक में देश के राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई. बैठक में हालांकि ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की टीएमसी, शिवसेना और आम आदमी पार्टी नदारद रहीं. बैठक में सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) ने कहा कि, 'सरकार लोगों को दबाने, नफरत फैलाने और विभाजन का काम कर रही है. अभूतपूर्व उथल-पुथल का माहौल है. संविधान को कमजोर किया जा रहा है और शासन का दुरुपयोग हो रहा है.
Sonia Gandhi: There've been nation-wide protests by youth supported by citizens. Immediate cause is CAA & NRC but they reflect widespread frustration & pent up anger, which is now out in the open. The response of the police in UP & Delhi has been shockingly partisan and brutal. https://t.co/Wf46zVAcUt
— ANI (@ANI) January 13, 2020
एनआरसी और सीएए का उल्लेख करते हुए सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि मोदी और अमित शाह ने देश को गुमराह किया है. उन्होंने दावा किया, 'असम में एनआरसी उल्टा पड़ गई. मोदी-शाह सरकार अब एनपीआर की प्रक्रिया को करने में लगी है. यह स्पष्ट है कि एनपीआर को पूरे देश में एनआरसी लागू करने के लिए किया जा रहा है.'
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुलाई गई बैठक में 20 दलों के नेता शामिल हुए. पार्लियामेंट एनेक्सी में हुई बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, ए के एंटनी, के सी वेणुगोपाल, गुलाम नबी आजाद और रणदीप सुरजेवाला, माकपा के सीताराम येचुरी, भाकपा के डी राजा, झामुमो के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, राकांपा के प्रफुल्ल पटेल, राजद के मनोज झा, नेशनल कांफ्रेस के हसनैन मसूदी और रालोद के अजित सिंह मौजूद थे.
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बैठक में शामिल होने से इनकार करने के बाद सोमवार को मायावती ने एक ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिये जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर उन्हें अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है. ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में आज विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा. इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी.
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