केंद्र सरकार ने दिल्ली सहित केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस बल में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण की घोषणा की है। यह आरक्षण कांस्टेबल से लेकर सब-इंस्पेक्टर तक के पद के लिए होगा। इस कदम का मकसद पुलिस को महिलाओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाना है।
सरकार ने कहा कि इस फैसले से महिलाओं में आत्मविश्वास पैदा होगा और वह संरक्षण एवं सहायता के लिए पुलिस के पास जाने में नहीं हिचकिचाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली केंद्रीय कैबिनेट ने इस फैसले को मंजूरी दी है। महिलाओं के खिलाफ अपराध पर लगाम लगाने के लिए ठोस कदम उठाने की बढ़ती मांग के बीच सरकार ने यह फैसला किया है।
न्यायमूर्ति (रिटायर्ड) जे एस वर्मा कमेटी की सिफारिशों के बाद आपराधिक कानूनों में बदलाव का जिक्र करते हुए सरकार ने एक बयान में कहा कि महिलाओं के संरक्षण के मकसद से बनाए गए कानूनों को प्रभावी तरीके से लागू कराने में प्रमुख बाधा एक 'अकड़ भरा पुलिस बल' है।
बयान के मुताबिक, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग जैसी आरक्षित श्रेणियां भी आरक्षण के इस दायरे में आएंगी। सरकार ने कहा कि इस फैसले से सभी केंद्रशासित प्रदेशों एवं दिल्ली के पुलिस बल में महिलाओं की संख्या बढ़ाने में मदद मिलेगी। इससे पुलिस बल महिलाओं के प्रति अधिक संवेदनशील बनेगा।
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