एयर इंडिया विमान की फाइल फोटो
नई दिल्ली:
केंद्र सरकार ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया को लेकर विशेष रणनीतिक विनिवेश प्रक्रिया की योजना तैयार की है. इस योजना के तहत सरकार एयर इंडिया की 76 प्रतिशत की हिस्सेदारी बेचेगी और निजी कंपनियों को इसका प्रबंधन नियंत्रण संभालने का मौका देगी. नागर विमानन मंत्रालय ने हिस्सेदारी बिक्री को लेकर प्रारंभिक सूचना ज्ञापन में विस्तार से इसकी जानकारी दी है. इसमें कहा गया है कि प्रस्तावित विनिवेश में लाभ कमा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस और संयुक्त उद्यम कंपनी एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. शामिल होगी.
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एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. राष्ट्रीय विमानन कंपनी और सिंगापुर की एसएटीएस लि. की संयुक्त उद्यम है. दोनों की इस कंपनी में बराबर-बराबर हिस्सेदारी है. सरकार इसमें 26 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखेगी. सरकार की शर्तों के अनुसार सफल बोलीदाता को एयरलाइन में कम-से-कम तीन साल तक निवेश बनाए रखना होगा.
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विनिवेश प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए विदेशी एयरलाइंस समेत विभिन्न इकाइयों से रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए गए हैं. ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 14 मई है और पात्र बोलीदाताओं को सूचना 28 मई को दी जाएगी. बोली में एक कंपनी या समूह शामिल हो सकती है.
इस बोली में शामिल होने वाले बोलीदाताओं के पास न्यूनतम नेटवर्थ 5,000 करोड़ रुपये होना चाहिए. साथ ही इकाइयों की श्रेणी के आधार पर कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी है.(इनपुट भाषा से)
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एयर इंडिया एसएटीएस एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लि. राष्ट्रीय विमानन कंपनी और सिंगापुर की एसएटीएस लि. की संयुक्त उद्यम है. दोनों की इस कंपनी में बराबर-बराबर हिस्सेदारी है. सरकार इसमें 26 प्रतिशत हिस्सेदारी अपने पास रखेगी. सरकार की शर्तों के अनुसार सफल बोलीदाता को एयरलाइन में कम-से-कम तीन साल तक निवेश बनाए रखना होगा.
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विनिवेश प्रक्रिया की शुरुआत करते हुए विदेशी एयरलाइंस समेत विभिन्न इकाइयों से रूचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए गए हैं. ईओआई जमा करने की अंतिम तिथि 14 मई है और पात्र बोलीदाताओं को सूचना 28 मई को दी जाएगी. बोली में एक कंपनी या समूह शामिल हो सकती है.
इस बोली में शामिल होने वाले बोलीदाताओं के पास न्यूनतम नेटवर्थ 5,000 करोड़ रुपये होना चाहिए. साथ ही इकाइयों की श्रेणी के आधार पर कुछ शर्तों को पूरा करना जरूरी है.(इनपुट भाषा से)