
- केंद्र सरकार और आयुष मंत्रालय आयुर्वेद को बीमारियों के इलाज का पहला विकल्प बनाने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं.
- 23 सितंबर को गोवा के पणजी स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद में 10वां आयुर्वेद दिवस मनाया जा रहा है.
- AIIA गोवा में नई सुविधाएं शुरू की गई हैं जो आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के बीच सेतु का काम करेंगी.
आयुर्वेद को “आखिरी सहारा” नहीं, बल्कि बीमारियों के इलाज का पहला विकल्प बनाना है. इस दिशा में केंद्र सरकार और आयुष मंत्रालय मिलकर काम कर रहें हैं. इसी सोच को दिखाने के लिए 23 सितंबर से शुरू होने वाला 10वां आयुर्वेद दिवस मनाया (Ayurveda Day) जा रहा है. इस साल की थीम “आयुर्वेद फॉर पीपल, आयुर्वेद फॉर प्लानेट"(Ayurveda for People, Ayurveda for Planet) है. इसका मुख्य आयोजन गोवा के पणजी स्थित ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद (AIIA) में होगा.
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आयुर्वेद को हर व्यक्ति तक पहुंचाने का मौका
अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) के निदेशक प्रो. प्रदीप कुमार प्रजापति ने कहा कि यह दिन सिर्फ आयुर्वेद के लिए नहीं, बल्कि बेहतर स्वास्थ्य, पर्यावरण संतुलन और सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता भी है. उन्होंने बताया कि 10वां आयुर्वेद दिवस आयुर्वेद को हर व्यक्ति तक पहुंचाने और वैश्विक स्वास्थ्य में उसकी अहम भूमिका को फिर से मजबूत करने का अवसर है.
इस मौके पर AIIA गोवा में नई सुविधाएं शुरू होंगी. इंटीग्रेटेड ऑन्कोलॉजी यूनिट, सेंट्रल स्टरलाइज सप्लाई डिपार्टमेंट, लिनेन प्रोसेसिंग यूनिट और ब्लड बैंक. ये सुविधाएं आयुर्वेद और आधुनिक चिकित्सा के बीच सेतु का काम करेंगे.
आयुर्वेदिक दवाओं का दिख रहा असर
हाल ही में सीएसआईआर ने छह जड़ी-बूटियों से बीजीआर-34 नामक एक हर्बल दवा तैयार की है. यह मधुमेह नियंत्रण और सुधार में असरदार हो रही है. क्लिनिकल अध्ययन में 12 हफ्तों में उपवास ब्लड शुगर (FBS) 30–35% तक कम हुआ और HbA1c स्तर में लगभग 20% सुधार आया. जानकारों का कहना है कि ऐसे वैज्ञानिक प्रमाण आयुर्वेद को जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों जैसे डायबिटीज, किडनी रोग और ब्लड प्रेशर के इलाज में मुख्यधारा में लाने में मदद करेंगे.
आयुर्वेद का विस्तार, लोगों का जगा भरोसा
AIIA गोवा की डीन प्रो. (डॉ.) सुजाता कदम ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में आयुर्वेद के विस्तार को लेकर बहुत काम हुआ है, ये आयोजन उस यात्रा का प्रतीक है, जो स्वास्थ्य, संतुलन और वैश्विक पहचान को दर्शाता है.
जानकारी के अनुसार, AIIA गोवा, जो 2022 में स्थापित हुआ, में अब 250 बिस्तरों वाला अस्पताल है और यहां प्रतिदिन बड़ी संख्या में मरीज ओपीडी में दिखाने पहुंच रहे हैं. इसे आयुर्वेद की पहुंच बढ़ाने और आधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं में उसकी जगह मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.
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