प्रतीकात्मक तस्वीर
नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गूगल की स्ट्रीट व्यू ऐप्लिकेशन की अर्ज़ी ख़ारिज कर दी है। सरकार के मुताबिक इससे सुरक्षा पर खतरा बढ़ सकता है।
गृह मंत्रालय ने नहीं दी मंज़ूरी
26/11 का हमला करने वाले आतंकियों को मालूम था कि ताज होटल से कितनी दूर ओबेरय होटल है और छाबड़ हाउस के लिए किस गली से गुजरना है। सरकार नहीं चाहती कि आने वाले दिनों में ऐसे हमलावरों का काम कुछ और आसान हो। इसलिए गृह मंत्रालय ने गूगल को स्ट्रीट व्यू की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया।
भारत में नहीं है ऐसी ऐप्स को रेग्युलेट करने के क़ानून
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ स्ट्रीट व्यू ऐप्लिकेशन के ज़रिए सभी जगहों की स्थितियां एक साथ देखी जा सकेंगी। अहम टूरिस्ट स्पॉट की 360 डिग्री तस्वीरें भी सुलभ होंगी। ये ऐप्लिकेशन live होगी इसीलिए सुरक्षा के लिहाज से ख़तरनाक होगी और फिर ऐसे ऐप्लिकेशन को रेगुलेट करने के नियम-कानून भी नहीं हैं।
सुरक्षा एजेंसियों को ऐतराज़
सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात पर भी ऐतराज़ किया कि जब भारत सर्वर से जुड़ी कोई दरख्वास्त गूगल को भेजता है तो वो उसे तवज्जो नहीं देता है। ऐसे में उसे फ़्री हैंड नहीं दिया जाना चाहिए। यही नहीं, ऐसे मेक इन इंडिया ऐप्स भी हैं जो स्ट्रीट व्यू की जगह इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
भारत में कुछ शहरों में प्रयोग के तैर में 360 डिग्री व्यू की इजाज़त गूगल को दी गई थी लेकिन अब उसे भी ख़त्म कर दिया गया है।
गृह मंत्रालय ने नहीं दी मंज़ूरी
26/11 का हमला करने वाले आतंकियों को मालूम था कि ताज होटल से कितनी दूर ओबेरय होटल है और छाबड़ हाउस के लिए किस गली से गुजरना है। सरकार नहीं चाहती कि आने वाले दिनों में ऐसे हमलावरों का काम कुछ और आसान हो। इसलिए गृह मंत्रालय ने गूगल को स्ट्रीट व्यू की मंज़ूरी देने से इनकार कर दिया।
भारत में नहीं है ऐसी ऐप्स को रेग्युलेट करने के क़ानून
एनडीटीवी इंडिया को मिली जानकारी के मुताबिक़ स्ट्रीट व्यू ऐप्लिकेशन के ज़रिए सभी जगहों की स्थितियां एक साथ देखी जा सकेंगी। अहम टूरिस्ट स्पॉट की 360 डिग्री तस्वीरें भी सुलभ होंगी। ये ऐप्लिकेशन live होगी इसीलिए सुरक्षा के लिहाज से ख़तरनाक होगी और फिर ऐसे ऐप्लिकेशन को रेगुलेट करने के नियम-कानून भी नहीं हैं।
सुरक्षा एजेंसियों को ऐतराज़
सुरक्षा एजेंसियों ने इस बात पर भी ऐतराज़ किया कि जब भारत सर्वर से जुड़ी कोई दरख्वास्त गूगल को भेजता है तो वो उसे तवज्जो नहीं देता है। ऐसे में उसे फ़्री हैंड नहीं दिया जाना चाहिए। यही नहीं, ऐसे मेक इन इंडिया ऐप्स भी हैं जो स्ट्रीट व्यू की जगह इस्तेमाल किए जा सकते हैं।
भारत में कुछ शहरों में प्रयोग के तैर में 360 डिग्री व्यू की इजाज़त गूगल को दी गई थी लेकिन अब उसे भी ख़त्म कर दिया गया है।
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