कोरोना संकट के इस दौर में एक अच्छी खबर कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) से आ रही है. दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी तय दिशा में आगे बढ़ रहा है. और समय पर किसानों को पानी मिलने की वजह से खरीफ सीजन के पहले 19 दिन में खरीफ फसलों की बुआई करीब 23 लाख हेक्टेयर तक बढ़ चुकी है.इस बार खरीफ सीजन में रिकॉर्ड बुआई हो रही है. कृषि मंत्रालय के ताज़ा आकड़ों के मुताबिक दक्षिण पश्चिम मानसून सीजन के पहले 19 दिन में खरीफ फसलों की बुआई में भारी बढ़ोतरी देखी गई है. चावल की बुआई 10.05 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जो औसत से 2.50 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. दाल की बुआई 4.58 लाख हेक्टेयर इलाके में हुई है जो औसत से 0.64 लाख हेक्टेयर से कम है. लेकिन इस नुकसान की भरपाई मोटा अनाज की बुआई ने पूरी कर दी है. अब तक देश में मोटे अनाज की बुआई 19.16 लाख हेक्टेयर इलाके में हो चुकी है जो औसत से 8.34 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. कुल मिलकर खरीफ फसलों की बुआई 131.34 लाख हेक्टेयर इलाके में हुई है जो औसत से 22.93 लाख हेक्टेयर ज्यादा है. यानी कुल बढ़ोतरी अब तक 21.15% तक हो चुकी है.
अर्थशास्त्री वेद जैन बताया हैं, 'ये भारतीय अर्थव्यस्था के लिए बहुत ही अच्छी बात है विशेषकर ऐसे वक्त पर जब कोरोनावायरस की वजह से इंडस्ट्री, सर्विस सेक्टर में संकट है. अगर कृषि क्षेत्र इसी तेज़ी से विकास करती है तो अर्थव्यवस्था को सुधारने में कृषि क्षेत्र महत्व पूर्ण रोले प्ले कर सकता है, किसानो को काफी राहत देगा.'
अगर 19 जून तक पिछले साल हुई बुआई से इसकी तुलना करें तो ये बढ़ोतरी 40 % से ज्यादा हो जाती है. अब मौसम विभाग के मुताबिक दक्षिण-पश्चिम मानसून सीजन के दौरान 22 जून से 23 जून के बीच कई इलाकों में काफी तेज़ बारिश का अनुमान है. लॉकडाउन की मार झेल चुके किसानों के लिए खरीफ फसलों की बुआई में बढ़ोतरी राहत की खबर है. अगले कुछ महीने अगर दक्षिण मानसून सीजन का ये ट्रेंड बरकरार रहता है तो किसानों की उपज भी बेहतर होगी. कमाई भी बढ़ेगी औऱ ग्रामीण भारत में हालात भी बेहतर होंगे.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं