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सोना तस्करी मामला: अभिनेत्री रान्या राव की जमानत याचिका तीसरी बार खारिज, न्यायिक जांच के आदेश

अधिकारियों का दावा है कि रान्या ने तस्करी का सोना साहिल जैन नाम के व्यापारी को सौंपा है, जिसे बुधवार को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गिरफ्तार कर लिया. इस तरह इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या तीन हो गई है.

सोना तस्करी मामला: अभिनेत्री रान्या राव की जमानत याचिका तीसरी बार खारिज, न्यायिक जांच के आदेश
बेंगलुरु:

बेंगलुरु की एक सत्र अदालत ने सोना तस्करी मामले में कन्नड़ अभिनेत्री हर्षवर्धिनी रान्या उर्फ ​​रान्या राव की जमानत याचिका बृहस्पतिवार को खारिज कर दी. यह तीसरी बार है जब उन्हें अदालत से राहत नहीं मिल पाई. अभियोजन पक्ष के अनुसार रान्या ने सोने की खरीद के लिए हवाला से जुड़े चैनल का इस्तेमाल करने की बात स्वीकार की है.

जवाब में, प्राधिकारियों ने न्यायिक जांच शुरू करने के लिए नोटिस जारी किया है और उनका मानना है कि इससे आगे और अधिक वित्तीय अनियमितताएं उजागर होंगी. इस मामले में अभिनेत्री के सहयोगी तरुण राज भी शामिल हैं, जिन्हें दूसरा आरोपी बनाया गया है.

अधिकारियों का दावा है कि रान्या ने तस्करी का सोना साहिल जैन नाम के व्यापारी को सौंपा है, जिसे बुधवार को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) ने गिरफ्तार कर लिया. इस तरह इस मामले में गिरफ्तार लोगों की कुल संख्या तीन हो गई है.

सुनवाई के दौरान राजस्व आसूचना निदेशालय (डीआरआई) की अधिवक्ता मधु राव ने खुलासा किया कि रान्या और राज ने दुबई की लगभग 26 यात्राएं एक साथ कीं, जिसमें अक्सर वे सुबह रवाना होते और उसी शाम वापस लौट आते. अपनी गिरफ्तारी से पहले अभिनेत्री ने कथित तौर पर राज की यात्रा के लिए विमान का टिकट बुक किया जिसने बाद में दुबई में उसे सोना सौंप दिया.

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रैंक के अधिकारी के. रामचंद्र राव की सौतेली बेटी रान्या के पास से केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तीन मार्च को दुबई से लौटते समय 12.56 करोड़ रुपये मूल्य का सोना जब्त किया गया था.

इसके बाद उनके आवास पर तलाशी ली गई, जहां अधिकारियों ने 2.06 करोड़ रुपये के सोने के आभूषण और 2.67 करोड़ रुपये की भारतीय मुद्रा बरामद की. इसके बाद डीजीपी रैंक के अधिकारी को कर्नाटक सरकार ने अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया और सोने की तस्करी मामले के संबंध में उनसे पूछताछ की.

इस मामले के संबंध में रामचंद्र राव से भी पूछताछ की गई है. बाद में, डीजीपी रैंक के अधिकारी को कर्नाटक सरकार ने 15 मार्च को तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक अनिवार्य अवकाश पर भेज दिया.

जांचकर्ताओं ने आरोप लगाया कि रान्या ने अपने सौतेले पिता के नाम का दुरुपयोग किया और हवाई अड्डे पर जांच से बचने के लिए उच्च पदस्थ अधिकारियों के लिए बनाए गए सुरक्षा प्रोटोकॉल का दुरुपयोग किया.

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