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This Article is From Oct 22, 2016

सुप्रीम कोर्ट का पार्शवनाथ को निर्देश: राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौर को दो दिन में फ्लैट का कब्जा दे

सुप्रीम कोर्ट का पार्शवनाथ को निर्देश: राज्यमंत्री राज्यवर्धन राठौर को दो दिन में फ्लैट का कब्जा दे
राठौर ने पार्शवनाथ की परियोजना एक्जोटिका में 2006 में फ्लैट बुक कराया था
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पार्शवनाथ डेवलपर्स को निर्देश दिया कि वह सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर को दो दिन के भीतर गुड़गांव परियोजना में फ्लैट का कब्जा सौंपे. न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा और न्यायमूर्ति अमिताव राय की पीठ ने कहा कि प्रतिवादी राठौर को दो दिन के भीतर फ्लैट का कब्जा दिया जाए. पीठ ने यह भी कहा कि राठौर को अब इस डेवेलपर्स को कोई भी अतिरिक्त पैसे का भुगतान नहीं करना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने कहा कि फ्लैट का कब्जा देने में हुये विलंब की वजह से राठौर को दिये जाने वाले मुआवजे के बारे में बाद में विचार किया जाएगा. इस मामले की सुनवाई के दौरान पार्शवनाथ डेवलपर्स के वकील ने कहा कि फ्लैट तैयार है और वह इसका कब्जा दे सकता है. राठौर ने पार्शवनाथ की परियोजना एक्जोटिका में 2006 में फ्लैट बुक कराया था और इसके लिये 70 लाख रुपए का भुगतान भी किया था.

इस फर्म को 2008-09 में फ्लैट का कब्जा देना था. इस साल जनवरी में राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटान आयोग ने बिल्डर को निर्देश दिया था कि राठौर को मूल धन ब्याज सहित वापस किया जाए और उन्हें मुआवजा दिया जाए. इससे पहले, शीर्ष अदालत ने बड़े-बड़े दावे करने के लिये इस बिल्डर को आड़े हाथ लिया था और कहा था कि आवासीय परियोजना के पूरा होने में अत्यधिक विलंब की वजह से उसके वायदे पूरे नहीं हुए.

न्यायालय ने 18 अक्तूबर को शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश दिया था कि इस रियल इस्टेट फर्म पार्शवनाथ बिल्डवेल प्रा लि द्वारा जमा कराए गए 12 करोड़ रुपये की राशि उचित पहचान के बाद 70 खरीदारों में वितरित कर दिए जाएं. न्यायालय ने इस फर्म को दस दिसंबर तक रजिस्ट्री में दस करोड़ रुपये जमा करने का निर्देश दिया था. शीर्ष अदालत ने यह टिप्पणी
उस वक्त की जब पार्शवनाथ बिल्डवेल प्रा लि ने कहा था कि शीर्ष अदालत आने वाले 70 खरीदारों को 17 दिसंबर तक फ्लैट सौंप देंगी.

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